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Ambani : मुकेश अंबानी ने पराली से ईंधन बनाने के लिए लगाएंगे 100 प्लांट

Ambani :हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट में आपको बताया गया है कि रिलायंस देश में पराली से ईंधन बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनियों में बदल गया है। जैव ऊर्जा क्षेत्र में केवल एक साल पहले, कंपनी ने उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में अपना पहला कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) प्लांट लगाया है। इस अपडेट के बारे में अधिक जानकारी के लिए खबर को पूरा पढ़ें। 

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Ambani: Mukesh Ambani will set up 100 plants to make fuel from stubble.

Saral Kisan News : रिलायंस अब पराली से ईंधन बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी है। जैव ऊर्जा क्षेत्र में केवल एक साल पहले, कंपनी ने अपना पहला कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) प्लांट उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में लगाया है। सोमवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की 46वीं एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) में मुकेश अंबानी, चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर, ने यह जानकारी दी।

रिलायंस ने स्वदेशी बायोगैस (सीबीजी) तकनीक बनाई है। इस तकनीक का विकास जामनगर में रिलायंस की सबसे बड़ी रिफाइनरी में हुआ है।

एजीएम में कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) प्लांट की जानकारी देते हुए मुकेश अंबानी ने कहा, ‘हमने रिकॉर्ड 10 महीने में उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में प्लांट लगाया है. कंपनी अब पूरे देश में तेजी से 25 प्लांट्स और लगाएगी. रिलायंस का इरादा 5 वर्षों में 100 से अधिक प्लांट लगाने का है. इन प्लांट्स में 55 लाख टन कृषि-अवशेष और जैविक कचरा खप जाएगा. इतना कचरा खप जाने की वजह से 20 लाख टन कार्बन उत्सर्जन कम होगा. यही नहीं इसका एक फायदा यह भी होगा कि हमें सालाना 25 लाख टन जैविक खाद भी मिलेगी.’

पवन ऊर्जा में भी हाथ आजमाएगी कंपनी-

रिलायंस पवन ऊर्जा के क्षेत्र में भी उतरने को तैयार है. कंपनी पवन चक्कियों के ब्लेड बनाने में इस्तेमाल होने वाले कार्बन फाइबर का बड़े पैमाने पर निर्माण करने का इरादा रखती है. कंपनी इन ब्लेड्स की कीमत कम रखना चाहती है. इसके लिए रिलायंस दुनिया भर की विशेषज्ञ कंपनियों से हाथ मिला रही है. रिलायंस का लक्ष्य 2030 तक कम से कम 100 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन का है.

देश में पैदा होती है पराली-

बता दें कि भारत में लगभग 23 करोड़ टन गैर-मवेशी बायोमास (पराली) का उत्पादन होता है. इसका अधिकांश भाग जला दिया जाता है, जिससे वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ता है. सर्दियों के दौरान राजधानी दिल्ली समेत कई भारतीय शहर पराली जलाने के कारण गंभीर वायु प्रदूषण की चपेट में आ जाते हैं. हरियाणा और पंजाब में सबसे ज्‍यादा धान की पराली जलाई जाती है. रिलायंस की इस पहल से वायु प्रदूषण में खासी कमी आने की उम्मीद है.

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