NCR में यहां 2 गांवों की 210 एकड़ जमीन पर बनेगी टाउनशीप, हजारों लोगों की मौज
UP News : गौतम बुद्धनगर (Gautam Buddha Nagar) में बुलंदशहर विकास प्राधिकरण (BDA) अपनी टाउनशिप (township) बनाएगा। यह टाउनशिप (township) जीटी रोड के पास दो गांव की 210 एकड़ जमीन पर बनेगी। इसमें आवासीय से लेकर औद्योगिक और व्यवसायिक भूखंड भी होंगे। टाउनशिप के लिए जमीन खरीदने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसको बसाने के लिए मुआवजे का रेट गौतम बुद्धनगर जिला प्रशासन तय करेगा। मुआवजा तय होने के बाद प्राधिकरण जमीन खरीदना शुरू करेगा। इस टाउनशिप (township) को बसने से हजारों लोगों के लिए रोजगार के विकल्प खुलेंगे। साथ ही, जीटी रोड से लेकर ग्रेनो तक का एरिया का विकसित हो जाएगा।
बता दें कि कैमराला चक्रसेनपुर और घोड़ी बछेड़ा गांव गौतमबुद्ध नगर का हिस्सा हैं। दोनों गांव दादरी तहसील के रेकॉर्ड में दर्ज हैं। दोनों गांव की जमीन दो प्राधिकरण के अधिसूचित का हिस्सा है। दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग के एक तरफ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और दूसरी तरफ बुलंदशहर प्राधिकरण का क्षेत्र हैं। अब बुलंदशहर प्राधिकरण दोनों गांव की जमीन पर टाउनशिप विकसित करेगा। टाउनशिप 210 एकड़ से अधिक जमीन पर विकसित की जाएगी।
जिले के लोगों को रोजगार के साधन मिलेंगे
गौतमबुद्ध नगर (Gautam Buddha Nagar) जिले की सीमा में बुलंदशहर विकास प्राधिकरण की यह पहली टाउनशिप होगी। टाउनशिप बनने का फायदा बुलंदशहर के साथ-साथ गौतमबुद्ध नगर (Gautam Buddha Nagar) के लोगों को भी होगा। यहां लगने वाले उद्योगों में रोजगार करने का अवसर मिलेगा।
बुलंदशहर विकास प्राधिकरण के अधिसूचित एरिया में कैमराला चक्रसेनपुर और घोड़ी बछेड़ा ग्रेटर नोएडा और जीटी रोड के बीच है। इस टाउनशिप के पास प्राइवेट बिल्डर का बड़ा प्रॉजेक्ट भी है, जिसके चलते कनेक्टिविटी की भी अच्छी सुविधा है। इस लोकेशन का फायदा उठाते बुलंदशहर विकास प्राधिकरण टाउनशिप बसाने का फैसला लिया है।
प्रशासन ने मांगी प्राधिकरण से सहमति
अब गौतमबुद्ध नगर (Gautam Buddha Nagar) प्रशासन को मुआवजा तय करना है, लेकिन उससे पहले प्रशासन ने ग्रेनो प्राधिकरण से सहमति मांगी है। दरअसल, ग्रेनो प्राधिकरण की मुआवजा दर इस समय 4125 रुपये प्रति वर्ग मीटर है। ऐसे में अगर बुलंदशहर विकास प्राधिकार ने मुआवजा अधिक कर दिया या रेट कम रखें तो किसान जमीन देने से इनकार कर देंगे और टाउनशिप बसने से पहले ही फ्लॉप हो सकती है। ऐसे में उम्मीद है कि गेट वाला प्राधिकरण की तर्ज पर ही दोनों गांव के लोगों को मुआवजा मिलेगा।
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