UP में शिक्षक भर्ती मामले में आया नया मोड़, हाईकोर्ट के आदेश के बाद इन की जाएगी नौकरी
UP teacher bharti: उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती एक बार फिर चर्चा का विषय बन गई है. अब इस भर्ती से जुड़े शिक्षकों की नौकरी खतरे में पड़ गई है क्योंकि हाई कोर्ट की शत्रु के बाद अब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एक्शन में नजर आ रहे हैं. शुरुआती जांच के बाद कई शिक्षकों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है.

Uttar Pradesh News : यूपी में 69000 शिक्षक भर्ती मामले में नई जानकारी मिली है। हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जिन अभ्यर्थियों ने फॉर्म डेट निकलने के बाद डिग्री प्राप्त की है, उनकी सेवा समाप्त की जाएगी। निर्देश दिए गए हैं। पूरी जानकारी प्राप्त करें। जिन शिक्षकों ने आवेदन की कटऑफ डेट के बाद डिग्री प्राप्त की थी, वे 69 हजार शिक्षक भर्ती में नौकरी जाएगी। बेसिक शिक्षा निदेशालय ने सभी बीएसए को ऐसे शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगने के निर्देश दिए हैं, और इसके आधार पर उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी। इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी भी जिम्मेदार होंगे। यही कारण है कि आपने शिक्षक भर्ती के फॉर्म में यह गलती नहीं की है।
डिग्री प्राप्त करने वालों को बाद में नौकरी मिलेगी
1 दिसंबर 2018 को 69 हजार शिक्षक पदों पर भर्ती की अधिसूचना जारी की गई। 22 दिसंबर 2018 आवेदन करने का अंतिम दिन था। कई अभ्यर्थियों ने शिकायत की कि ऐसे अभ्यर्थियों के भी आवेदन स्वीकार कर लिए गए और उनको तय तारीख तक आवश्यक योग्यता नहीं थी। उन्होंने डिग्री 22 दिसंबर 2018 के बाद लगाई।
दस्तावेजों को पूरा करना चाहिए
मामला हाई कोर्ट पहुंचा, जहां कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि शैक्षिक योग्यता सहित अन्य दस्तावेजों को आवेदन की आखिरी तारीख तक पूरा करना चाहिए। इन मामलों में कार्रवाई के लिए हाई कोर्ट ने आदेश दिया है। बाद में सभी बीएसए को सेवा समाप्त करने के निर्देश दिए गए हैं जिन शिक्षकों ने आवेदन की आखिरी तिथि तक अर्हता पूरी नहीं की थी। शासन से भी अनुरोध किया गया है कि दोषी अधिकारी, कर्मचारी, चयन समिति के सदस्यों के नाम और तत्कालीन बीएसए का विवरण दें, ताकि उन पर कार्रवाई की जा सके।
क्या पूरा मुद्दा है?
ध्यान दें कि नवंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने 69 हजार सरकारी शिक्षक पदों पर भर्ती के लिए नई मेरिट लिस्ट जारी करने वाले आदेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। कोर्ट ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्णय को देखने के बाद आदेश जारी करेगा। 2018 में यह मामला शुरू हुआ था। 5 दिसंबर 2018 को 69 हजार शिक्षक भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया गया था। 6 जनवरी 2019 को इसकी परीक्षा में 4.10 लाख लोग शामिल हुए। 12 मई 2020 को रिजल्ट जारी किया गया था। जिसमें ओबीसी अभ्यर्थियों का कटऑफ 66.73 प्रतिशत और सामान्य वर्ग का कटऑफ 67.11% रहा। इसी से पूरी बात शुरू हुई। 2023 में एकमात्र बेंच ने मेरिट लिस्ट पर पुनः विचार करने का आदेश दिया। वहीं अब इसी मामले में ऐसे अभ्यर्थियों की नौकरी चली जाएगी, जिन्होंने फॉर्म डेट निकलने के बाद अपनी डिग्री लगाई थी।