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अमरूद के बगीचे से किसान ने बदल डाली अपनी किस्मत, उनकी कमाई जानकर चौंक जाएंगे

धुलारावजी में एक किसान ने अपनी दो बीघा जमीन पर अधिक मुनाफा और कम लागत की फसलें लगाने का विचार किया।  इसके बाद उन्होंने अपनी दो बीघा जमीन पर 150 अमरूदों के पेड़ों का बगीचा लगाया।
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Farmer changed his fortune from guava garden, you will be shocked to know his earnings

Saral Kisan - धुलारावजी में एक किसान ने अपनी दो बीघा जमीन पर अधिक मुनाफा और कम लागत की फसलें लगाने का विचार किया।  इसके बाद उन्होंने अपनी दो बीघा जमीन पर 150 अमरूदों के पेड़ों का बगीचा लगाया। इस बगीचे में किसान की लागत बहुत ज्यादा नहीं आई है और फसल से लाखों रुपये का मुनाफा भी मिल रहा है।

किसान दुर्गा लाल ने यह बताया कि मेरी दो बीघा जमीन पर 150 अमरूद के पेड़ लगाए गए हैं। मैंने इस बगीचे को लगाए हुए दस से बारह साल हो गए। मेरे बगीचे से हर वर्ष अच्छी अमरूद की फसल बेचकर काफी ज्यादा मुनाफा कमाता हूँ। 2009 में मैंने यहां अमरूदों का बगीचा भी लगाया था और तब से हर साल 2.5 लाख तक की फसल बेचता हूँ।

बगीचा लगाने में 45 हजार रुपये खर्च हुए

बगीचा लगाने में 45 हजार रुपये खर्च हुए। आज मैं अपनी अमरूद की फसल से प्रति वर्ष 2.5 लाख रुपये का मुनाफा कमाऊँगा। किसान दर्गालाल ने बताया कि हमारे बगीचे का अमरूद जयपुर, दौसा, बस्सी, बांसखो में से किसी भी मंडी में बिक्री की जाती है, जहां भाव अच्छा मिलता है। किसान ने बताया कि एक समय था जब रेतीली जमीन में उनके खेतों में हर तरह की घास और खरपतवार बहुत होते थे। जिसमें परंपरागत खेती नहीं हो पाती थी और खेती को खरपतवार और घास ने नष्ट कर देते थे। जिससे किसान बहुत नुकसान उठाता था और अपने खेतों से फसल भी नहीं निकाल पाता था।

2009 में बगीचा लगाया गया था

इस समस्या को समझते हुए, उसने ऐसी फसल की योजना बनाई जिस पर खरपतवार का कोई असर नहीं पड़ा। 2009 में किसान ने अपने खेतों में अमरूदों का बगीचा लगाने का विचार किया। अमरूदों के पेड़ों पर खरपतवार का कोई प्रभाव नहीं पड़ा। अमरूद के पेड़ बहुत लंबे होते हैं, इसलिए खरपतवार बहुत छोटी होती है।

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