उत्तर प्रदेश में यहां बनेगा 93.20 किलोमीटर का रिंग रोड, विभिन्न किसानों से ली जाएगी जमीन

Uttar Pradesh : 93.20 किलोमीटर का रिंग रोड शहर के चारों ओर बनाया जा रहा है, जो भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) द्वारा बनाया जा रहा है। Ring Road पांच अलग-अलग पैकेजों में बनाया जाएगा। पूर्ण परियोजना के लिए बुधवार को पर्यावरण और वन मंत्रालय ने अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया। NHAI इस अभियान को आगामी तीन वर्षों में पूरा करेगा।
NHAI के इंजीनियर पिछले दो साल से पर्यावरण और वन मंत्रालय से संबंधित कागजी प्रक्रियाओं को पूरा करने में लगे हुए थे। एनओसी मिलने पर इंजीनियरों ने राहत की सांस ली। रिंग रोड परियोजना EPC मोड में बनाई जा रही है। NHI इसमें पूरे बजट का सौ प्रतिशत खर्च करेगा।
रिंग रोड पैकेज वन में 23.32 किमी (सचेंडी से महाराजपुर) जमीन अधिग्रहण का काम पूरा हो गया है। रिंग रोड को पांच अलग भागों में बनाया जा रहा है। 93.20 किमी लंबी रिंग रोड के लिए 700 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की जाएगी। रिंग रोड शहर के बाहर से सभी जिलों के हाईवे को जोड़ेगा। केंद्र सरकार इस परियोजना पर 40 अरब 77 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। NHAI के अफसरों ने कहा कि रिंग रोड का काम 2027 में पूरा हो जाएगा।
तीन प्रकार से बनाए जाते हैं, हाईवे
बीओटी प्रोजेक्ट
प्राइवेट कंपनी बिल्ट आपरेट एंड ट्रांसफर (बीओटी) के तहत सौ प्रतिशत हाईवे बनाती है। इसमें सरकार कंपनी को ज़मीन देती है। इसके अलावा, कंपनी 15 से 20 साल तक राजमार्गों का मरम्मत करने और टोल वसूलने का कार्य करती है। इटावा-चकेरी हाईवे जिले में इस परियोजना के तहत बनाया गया है। साथ ही, कानपुर-कबरई हाईवे को बीओटी मोड में बनाया जा रहा है।
एचएएम मोड
हैब्रिट एनयूटी मोड (HAM) मोड के तहत हाईवे बनाने के लिए सरकार ने निर्माण की लागत का चालीस प्रतिशत अनुदान दिया है। जबकि 60 प्रतिशत निजी संस्था खर्च करती है बनाने के लिए सरकार जमीन देती है। NHAI की निगरारी में निजी कंपनी टोल वसूलती है। सरकार टोल प्लाजा पर पूरी तरह से नियंत्रण रखती है। मेंटीनेंस के लिए भी सरकार ग्रांट को समय-समय पर देती है। चकेरी-प्रयागराज और अलीगढ़-कानपुर हाईवे को इस परियोजना के तहत बनाया गया है।
ईपीसी मोड
Ring Road इंजीनियरिंग प्रक्योरमेंट कंस्ट्रक्शन (EPC) मोड में बनाया जा रहा है। सरकार इसमें सौ प्रतिशत बजट खर्च करेगी। इसके साथ ही टोल वसूली सरकार करेगी।
यह हैं रिंग रोड के पैकेज
स्थान | लंबाई | निर्माण लागत | भूमि लागत |
सचेंडी से महाराजपुर | 23.32 किमी | 854.60 करोड़ | 593.63 करोड़ |
ए चौधरिया से ट्रांसगंगा | 8.76 किमी | 972.93 करोड़ | 98.54 करोड़ |
बी ट्रांसगंगा से सथारा | 19.11 किमी | 718.13 करोड़ | 392.46 करोड़ |
बदरका से हरबंस-उचेती | 17.45 किमी | 808.51 करोड़ | 307.7 करोड़ |
जरकाला से पकरी | 24.55 किमी | 722.93 करोड़ | 356.25 करोड़ |
NHAI के परियोजना अमन रोहिल्ला ने बताया कि निदेशक रिंग रोड के निर्माण के लिए पर्यावरण और वन मंत्रालय ने अनुमति दी है। रिंग रोड EPC मोड में बनाया जाएगा। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद पहली चरण का निर्माण शुरू हो गया है। इस काम में जिलाधिकारी कानपुर और उन्नाव ने पूरा सहयोग दिया है। अन्य तीन चरणों में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है।