उत्तर प्रदेश के इस जिले में चलेंगी 400 इलेक्ट्रिक बसें, व्यापक गतिशीलता योजना का प्लान तैयार
UP News : उत्तर प्रदेश में यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार बड़े कदम उठा रही है। प्रदेश की आम जनता को यात्रा करने में परेशानी ना हो इसलिए कई योजनाएं भी चला रखी है। सफरों के संपर्क को सुधारने के लिए अब 400 इलेक्ट्रिक बसें चलाने का निर्णय लिया गया है।
Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के गौतमपुरा नगर में यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए 400 नई इलेक्ट्रिक बसों की खरीद की जाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार के तीनों प्राधिकरण नहीं यह निर्देश जारी किया है। जल्द ही टेंडर संबंधी औपचारिकताएं पूरी इन बसों को सड़कों पर उतर जाएगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार की अध्यक्षता में बीते वीरवार हुई एक बैठक में यह फैसला लिया गया। मनोज कुमार उत्तर प्रदेश के औद्योगिक और अवसरंचना विकास आयुक्त भी है।
अधिकारियों के बीच गहन चर्चा
गुरुवार को हुई बैठक में तीन शहरी क्षेत्रों के लिए बेहतर मोबिलिटी प्लान को लेकर अधिकारियों के बीच गहन चर्चा भी हुई हैं। ग्रेटर नोएडा व नोएडा के अंदर सफर करने वाले यात्रियों को बेहतर व विश्वसनीय सेवा देने के लिए तीन औद्योगिक निकायों के साथ मिलकर इस पर विचार-विमर्श किया गया हैं। यात्रियों की सहूलियत के लिए अतिरिकत सिटी बस का संचालन करना जरूरी भी हैं। 400 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद की सभी औपचारिकताएं को जल्द पूरा करने के आदेश जारी कर दिया गया हैं।
सभी प्रमुख इलाके इस योजना में शामिल होंगे
अधिकारियों के अनुसार सेक्टर 62 में इलेक्ट्रॉनिक सिटी, वाणिज्यिक, सरकारी कार्यालय, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, आर्थिक क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्र के साथ दिल्ली की सीमाओं सहित सभी प्रमुख इलाके इस योजना में शामिल होंगे।
स्थानीय आवागमन संबंधी दिक्कतों को दूर करने के लिए किसी योजना को जल्द पूरा करने पर जोर दिया जा रहा है। तीनों शहरों की यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए नोएडा प्राधिकरणों ने 2022 में सलाहकार नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू भी करी थी। यह फैसला नोएडा प्राधिकरणों को भौगोलिक आर्थिक योजना तैयार करने के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 5 में 2022 को लिया गया। यह फैसला वित, शहरी गतिशीलता और बुनियादी ढांचे सहित यातायात संबंधी कर्मियों को सामाधान करेगा।
सलाहकार की नियुक्ति अधिकारियों के अनुसार अब तक नहीं की गई है। नियुक्ति नहीं करने का असली कारण अभी तक इस परियोजना से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी नहीं हुई है। अब स्थानीय यातायात संबंधी समस्याओं के लिए सिटी बस चलाने का प्रस्ताव है।