Wheat Production: गेहूं की इस किस्म से होगा तीन गुना उत्पादन, एक बाली से निकलेंगे तीन दाने
वैज्ञानिकों ने गेहूं में wuschel-D1 नामक जीन की खोज की है, जो फूल में अतिरिक्त ओवरी विकसित कर पैदावार बढ़ाता है । इस जेनेटिक सफलता से प्रति बाली दानों की संख्या बढ़ेगी । यह तकनीक बिना अतिरिक्त जमीन या खाद के वैश्विक खाद्य सुरक्षा और हाइब्रिड गेहूं उत्पादन के लिए क्रांतिकारी साबित होगी।
Wheat Production: गेहूं के एक फूल में तीन ओवरी निकलने का सिलसिला सबसे पहले आम रेट गेहूं में अपने आप पैदा हुआ था, लेकिन उस समय तक यह साफ नहीं हुआ था कि जेनेटिक बदलाव की वजह से इस तरह की खूबी देखने को मिल रही है. इसके बाद UMD की टीम ने मल्टी-ओवरी गेहूं के डीएनए का एक डीटेल्ड मैप बनाया और उसकी तुलना रेगुलर गेहूं से करके देखी.
कैसे हुई खोज
वैज्ञानिकों को ने पता लगाया कि मल्टी और गेहूं में आमतौर पर शांत रहने वाला एक जीन पाया जाता है, जिसका नाम wuschel-D1 (wus-D1) है. जब गेहूं की किस्म में विकास का दौर शुरू होता है तो इस समय यह जीव एक्टिव होता है और फूल बनाने वाले टिशूज को बड़ा बना देता है जिससे वह ओवरी और पिस्टल जैसे एक्स्ट्रा फीमेल पार्ट्स बना पाते हैं।
इसके बाद अगर वैज्ञानिक इस जीन को एक्टिवेट करने की एक जेनेटिक ट्रिक को कंट्रोल कर पाते हैं तो वह एक नई गेहूं की किस्म बना सकते हैं जिसमें प्रति पौधा ज्यादा दानों का विकास हो सके. इस तरह प्रतिपादनों में थोड़ी सी भी बढ़ोतरी दुनिया भर में देखी जाए तो सप्लाई का सबसे बड़ा सोर्स बन सकती है.
बाली में मिलेंगे अधिक दाने
ऑथर विजय तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस किस्म की खूबी है कि यह जेनेटिक आधार का पता लगाने से साइंटिस्ट को इस किस्म को नई किस्म में शामिल करने का रास्ता मिल जाता है जिससे प्रति बाली दानों की संख्या और उत्पादन में बढ़ोतरी हो सकती है.
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि जीन एडिटिंग टूल किट का इस्तेमाल करके गेहूं की पैदावार बढ़ाने के लिए इसको बेहतर बनाने की जरूरत है। इस खोज की वजह से हाइब्रिड गेहूं को विकसित करने का एक शानदार रास्ता मिल जाएगा।
दुनिया में गेहूं की मांग होगी पूरी
गेहूं को दुनिया की मुख्य फसलों में से एक माना जाता है। गेहूं की वजह से हर दिन अरबों लोगों का पेट भरता है। जिस तरह दुनिया में गेहूं की मांग बढ़ती जा रही है, क्लाइमेट चेंज, सीमित खेती की जमीन, और आबादी में बढ़ोतरी की वजह से पारंपरिक तरीकों से उत्पादन बढ़ाना मुश्किल हो गया है। इस खोज को पूरा किए जाने के बाद बिना अधिक जमीन, पानी, या खाद के पैदावार बढ़ाने के लिए एक नया रास्ता मिल जाएगा।

