15 दिसंबर तक होगी जमकर पैदावार, गेहूं की इस किस्म को बोने का सुनहरा मौका!
Wheat Variety:दिसंबर में आसानी से बोई जा सकती है. गेहूं की यह किस्म जिसे चार सिंचाई की जरूरत पड़ती है और 18 क्विंटल तक आसानी से उत्पादन दे सकती है. इस किस्म का बाजार में आपको आसानी से 7500 से लेकर ₹8000 प्रति क्विंटल तक का भाव मिल जाएगा. चलिए विस्तार से जानते हैं इस किस्म के बारे में
Wheat Variety (Saral Kisan): जिन किसानों के पास पानी की अच्छी व्यवस्था है, वे इस गेहूं की किस्म को लगाकर अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं। गेहूं की इस वैरायटी की खास बात यह है कि इसे कम सिंचाई की जरूरत पड़ती है और यह चार सिंचाई में पककर तैयार हो जाती है। बाजार में इस वैरायटी का दाम आपको ₹7500 से 8000 प्रति क्विंटल तक मिल जाएगा। गेहूं की इस वैरायटी का उत्पादन 18 क्विंटल प्रति एकड़ आराम से हो जाता है। निलांबरी गेहूं की वैरायटी को बोने के लिए किसानों को अलग से कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ती है।
क्या है बुवाई का सही समय?
मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के हिस्सों में मक्के की खेती करने वाले किसान इस बार पीछे रह गए हैं क्योंकि मक्के की वजह से किसानों की बुवाई लेट हो गई है, लेकिन अब किसानों को ज्यादा चिंता करने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है, क्योंकि आज हम आपको ऐसी वैरायटी के बारे में बताने वाले हैं जो अच्छे उत्पादन के साथ-साथ आपकी जेब भी पैसों से भर देगी. किसान जो गेहूं की बुवाई करने का प्लान कर रहे हैं, उनके लिए आज हम एक ऐसी वैरायटी लेकर आए हैं जो दिसंबर महीने में भी बंपर उत्पादन देगी और सामान्य गेहूं की तुलना में इसका बाजार में रेट भी दुगना मिलता है.
बाजार में मिलेगा तीन गुना रेट
मल्टीलेयर कृषि तकनीक में महारत हासिल करने वाले आकाश चौरसिया ने बताया कि वह 36 तरह की गेहूं की वैरायटी की खेती करते आ रहे हैं, उन्होंने बताया कि इस इन वैरायटी को उन्होंने देश के अलग-अलग हिस्सों से इकट्ठा किया है. उन्होंने बताया कि नीलांबरी गेहूं की खेती करके किसान बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं. उन्होंने बताया कि यह किस्म मुख्य रूप से पंजाब से जुड़ी हुई है और इसकी स्किन हल्की नीले रंग की होती है। इस किस्म को नीलांबरी के नाम से जाना जाता है यह देखने में जितनी खूबसूरत होती है.
उसके फायदे भी इतने ही लाभदायक हैं उन्होंने आगे बताया कि गेहूं की खेती करने के लिए किसान को ज्यादा कुछ अलग से करने की जरूरत नहीं पड़ती है। उनके पास पर्याप्त मात्रा में पानी का संसाधन होना चाहिए क्योंकि इस वैरायटी को चार सिंचाई की जरूरत पड़ती है और यह 18 क्विंटल तक उत्पादन दे सकती है। बाजार में इसका भाव 7500 से ₹8000 के बीच में आसानी से मिल जाता है.
उन्होंने बताया कि इस वैरायटी को बोने के लिए 15 दिसंबर तक का समय सबसे अच्छा है। जिन किसानों के पास पर्याप्त मात्रा में पानी का संसाधन है, वे इस वैरायटी को बो सकते हैं। सबसे पहले खेत की दो बार जुताई करनी होगी और 50 से 60 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से गेहूं के बीज की बुवाई करें। 20 दिन का गेहूं होने के बाद उर्वरक का छिड़काव करें और सिंचाई करते रहें। अलग-अलग अवस्था में चार से पांच बार सिंचाई करें। यह किस्म 120 दिन में पक कर तैयार हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि इस गेहूं में प्रोटीन की मात्रा सबसे अधिक होती है। जिन लोगों को दाल खाने में परेशानी होती है या एसिडिटी की समस्या आ जाती है, ऐसे में लोग प्रोटीन के लिए गेहूं का इस्तेमाल करते हैं या नहीं? जो प्रोटीन दाल या अंडे से मिलेगा, वह इस प्रजाति में आसानी से मिल जाता है। अगर इसका नियमित रूप से सेवन किया जाए तो इसके लाभ मिलेंगे.

