हरियाणा-पंजाब में कपास की खड़ी फसल को नष्ट कर रहे किसान, हो रहा वित्तीय नुकसान
Cotton Crop Loss :भारत के अनेकों राज्यों में कपास की खेती की जाती है। हरियाणा तथा पंजाब के काफ़ी रकबे में कपास की खेती की जाती हैं। इन प्रदेशों में लगातार पिछले दो सालों से कपास की फसल गुलाबी सुंडी तथा सफेद मक्खी के चपेट में आ रही है। कुछ किसानों को तो अपनी फसल मैं मजबूरन ट्रैक्टर चलाना पड़ा है। जिससे किसानों को काफी हानि उठानी पड़ी है।
Pink Bollworm Attack On Cotton : हरियाणा तथा पंजाब में लगातार पिछले दो सालों से कॉटन की फसल गुलाबी सुंडी तथा सफेद मक्खी के चपेट में आ रही है। दोनों प्रदेशों में इस सीजन में कपास की फसल दगा देती नजर आ रही है। सफेद मक्खी, तथा गुलाबी सुंडी के प्रकोप से कुछ किसानों को अपनी फसल को बुवाई कर मिट्टी में मिलना पड़ रहा है। जिन किसानों के पास पानी की अच्छी व्यवस्था है वह दान की लेट वैरायटी की रोपाई कर रहे हैं।
3 महीनो तक खूब मेहनत कर तथा अच्छा खासा खर्च कर फसल पर यूं हल चलाने की वजह से किसानों को बड़ी वित्तीय नुकसान हो रहा है। इसके सिवा किसानों के पास कोई और चारा नहीं है। गौरतलाप है कि पिछले दो सालों में पंजाब तथा हरियाणा के कपास का उत्पादन लेने वाले किसानों को काफी नुकसान हुआ था। जिसे ध्यान में रखते हुए किसानों ने कॉटन की बिजाई काम की। जिनके पास पानी की व्यवस्था अच्छी थी उन्होंने धान की फसल को प्राथमिकता दी है।
वहीं जिन किसानों के पास धान की फसल के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं है। उन किसानों ने मूंग की फसल बोई है। इस बार फिर कपास में फूल आते गुलाबी सुंडी नजर आने लगी है। पिछले दो सालों में इस कीट ने कपास की फसल को लगभग बर्बादी कर दिया था। इस तरह की आशंका देखते हुए कुछ किसानों ने अपनी फसल पर ट्रैक्टर चला दिया है।
हल चलाने के सिवा और कोई ऑप्शन नहीं
पंजाब के फाजिल्का में कृषि विभाग ने 10 संक्रमण वाले हॉटस्पॉट की पहचान की है। अलंकिक कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल सफेद मक्खी और गुलाब सुंडी का प्रकोप इतना ज्यादा नहीं है। फिर भी बहुत से किसानों ने अपनी फसल को बुवाई कर मिट्टी में मिला दि हैं। फाजिल्का के पट्टी संदीक गांव के एक किसान ने बताया कि उन्होंने कीटों के प्रकोप को देखते हुए अपनी 5 एकड़ कपास की फसल में से 1.5 एकड़ को उखाड़ दिया है। और धान की 126 किस्म लगाने की तैयारी कर रहे हैं।
कृषि विभाग अधिकारियों ने भी ट्रैक्टर चलाने की बात मानी
पंजाब के कृषि विभाग के निदेशक जसवंत सिंह ने भी यह माना है कि किसानों द्वारा फसल को वापस जोतने की खबरें आई हैं। उनका कहना है कि वे ही किसान नरमा की फसल को उखाड़ रहे हैं, जहां उनके पास बुवाई के लिए पीआर 126 किस्म की धान की पौध उपलब्ध है। साथ ही किसान बोई गई आधी कपास ही उखाड़ रहे हैं, आधी अभी भी रख रहे हैं।
और नहीं झेल सकते नुकसान
हरियाणा के हिसार जिले की आदमपुर तहसील के गांव खैरमपुर निवासी किसान सतपाल भादू का कहना है कि उन्होंने इस बार अपने 30 एकड़ जमीन में से केवल 10 एकड़ में ही कपास बोया. इस बार भी सफेद मक्खी का हमला ज्यादा हुआ है. अब फूलों में गुलाबी सुंडी भी दिख रही है. पिछली बार भी गुलाबी सुंडी ने सबकुछ चौपट कर दिया था. फसल इस बार भी अच्छी होगी इसकी उम्मीद उन्हें कम ही है.