जीरे की खेती से होगा शानदार मुनाफा, ये किस्में कर देगी मालामाल
Cumin Farming : आजकल युवाओं का नौकरी की ओर मोह भंग हो रहा है। जिसके बाद पढ़े लिखे लोग खेती की ओर अपना रुझान दिखा रहे हैं। क्योंकि खेती के जरिए बढ़िया कमाई की जा सकती है। आज हम आपको एक ऐसी खेती की जानकारी देने वाले हैं, जिनकी डिमांड हमेशा बनी रहती है। जिसका इस्तेमाल भारतीय रसोई में रोजाना होता है। औषधि गुणों से भरपूर होने के कारण इसकी मांग हमेशा बनी रहती है।
कैसे होती है जीरे की खेती
आज हम आपको जीरे की खेती के बारे में बताने वाले हैं। जिसकी डिमांड हमेशा बनी रहती है। जीरे की खेती रेतीली दोमट मिट्टी में की जाती है और जीरे का पौधा लगभग 30 डिग्री के तापमान में भी हो सकता है। जीरे की फसल को तैयार होने में करीबन 110 से 115 दिन लग जाते हैं। जीरे का पौधा 15 से 50 सेंटीमीटर तक लंबा होता है। जीरे की खेती भारत में अक्टूबर से नवंबर के बीच की जाती है और फरवरी में कटाई की जाती है। मार्च के महीने में ताजा फसल बाजार में पहुंच जाती है।
इन किस्मों से मिलेगा बढ़िया उत्पादन
जीरे की खेती करने के लिए हल्की और दोमट मिट्टी को सबसे बेहतर माना जाता है। जीरे की बुवाई करने से पहले खेत को अच्छी तरह तैयार कर ले। जीरे की फसल बोने से पहले खेत से खरपतवार को अच्छी तरह साफ करना लेना चाहिए। जीरे की फसल के लिए मुख्यतः तीन वेराइटी को प्रमुख माना जाता है। आरजेड 19 और 209, आरजेड 223 और जीसी 1–2–3 की किस्मों को सबसे बेस्ट माना जाता है। इन कि मौका तैयार होने के लिए 120 से 125 दिन का समय लगता है। प्रति हेक्टर उनकी औसत पैदावार 510 से 530 किलोग्राम तक हो जाती हैं।
जीरे से फायदा
भारत में जीरे की खेती सबसे अधिक गुजरात और राजस्थान में की जाती है। राजस्थान में जीरे का कुल उत्पादन करीबन 28 फ़ीसदी होता है। जीरे की खेती करके प्रति हेक्टेयर उत्पादन करीबन 7 से 8 क्विंटल लिया जा सकता है और जीरे की खेती में औसतन खर्च करीबन 30 से 35 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर आ जाता है। अगर मार्केट में जीरे की कीमत ₹100 प्रति किलो भी मिल जाए तो प्रति हेक्टेयर 40 से 45 हजार रुपए का फायदा लिया जा सकता है। अगर 5 एकड़ में जीरा उगाया जाता है तो करीबन 2 लाख की शुद्ध कमाई ली जा सकती है।