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जीरा की फसल किसानों को बना रही मालामाल, इन किस्म का करें चयन मिलेगा बंपर उत्पादन

पिछले कुछ सालों में जीरा की खेती किसानों को मालामाल बन रही है. किसानों को अच्छा उत्पादन मिलने के कारण हर साल इसकी बुवाई का एरिया बढ़ रहा है.
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जीरा की फसल किसानों को बना रही मालामाल, इन किस्म का करें चयन मिलेगा बंपर उत्पादन

Jeera KI Kheti : जीरा की खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है हम आपको जीरा की कुछ अच्छी किस्म के बारे में बताएंगे. जीरा मसाला फसल की खेती भारत में कई राज्यों में की जाती है. भारत में जीरे का उत्पादन राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात में बड़े पैमाने पर होता है. राजस्थान में गुजरात सीमा के पास जैसलमेर, जालौर, सांचौर, बाड़मेर, और पाली में अच्छी क्वालिटी के जीरे का उत्पादन होता है.

ऐसी कोई रसोई नहीं जिसमें जीरे का काम नहीं, खाना बनाने के लिए सबसे पहले जीरे का इस्तेमाल किया जाता है. इस फसल की डिमांड 12 महीने बनी रहती है. पिछले साल किसानों को जीरा की खेती में ज्यादा भाव मिलने से बंपर मुनाफा हुआ था. परंतु इस साल जैसे ही मंडियो में आवक ज्यादा आनी शुरू ही कीमतों में कीमतों में कमी नजर आने लगी.

जीरा की कुछ किस्म

RZ 209 जीरा किस्म 

जीरा की आरजेड 209 किस्म में 120 से 125 दिन में पककर तैयार हो जाती है. इसका दाना मोटा होने से यह कि बेहतर क्वालिटी के जीरे में आती है. इस किस्म से 7 से 8 क्विंटल प्रति हेक्टेयर का उत्पादन लिया जा सकता है. छाछिया और झूलसा रोग का खतरा भी इस किस्म में कम रहता है.

RZ - 19 जीरा किस्म

जीरे की आर जेड 19 किस्म से किसान 9 से 10 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन प्राप्त कर सकता है. यह किस्म 120 से 125 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. जीरे की इस किस्म में झूलसा, उखटा और छाछिया रोग कम देखने को मिलता है.

RZ 223 जीरा किस्म

जीरे की आर जेड 223 किस्म से किसान 6 से 8 क्विंटल तक का उत्पादन ले सकता है. यह किस 110 से 115 दिन में पक जाती है. इस किस्म के जीरे में तेल की मात्रा 3.5% होती है.

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