मसूर की इन उन्नत क़िस्मों से मिलेगी जबरदस्त पैदावार
Saral Kisan : मसूर एक प्रमुख दलहनी फसल है. जिसकी देश के सभी राज्यों में होती है और इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व हमारी सेहत के लिए बहुत लाभदायक होते हैं. मसूर की बढ़िया पैदावार लेने लिए बढ़िया किस्मों की जानकारी होना जरूरी है. तो आज हम आपको मसूर की अच्छी और उन्नत किस्मों की जानकारी देने वाले है.
1. वी एल मसूर 1 (V L Masoor 1)
यह किस्म 165 – 165 दिनों में पक जाती है और इस किस्म की खास बात यह है कि इसकी औसतन उपज 10- 12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होती है. इस किस्म की दाल का छिलका काला और दाना का आकार छोटा होता है. वहीं, बीज मध्यम आकार के होते हैं.
2. वी एल मसूर 4 (V L Masoor 4)
यह किस्म 170 – 175 दिनों में पक जाती है और इस किस्म की खास बात यह है कि इसकी औसतन उपज 12- 14 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होती है. इस किस्म की दाल का छिलका काला और दाना का आकार छोटा होता है. वहीं, बीज मध्यम आकार के होते हैं.
3. वी एल मसूर 103 (V L Masoor 103)
मसूर की यह किस्म 170 – 175 दिनों में पक जाती है और इस किस्म की खास बात यह है कि इसकी औसतन उपज 12 – 14 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होती है. इस किस्म की मसूर दाल का छिलका भूरा होता है एवं इसका दाना के आकार छोटा है.
4. वी एल मसूर 125 (V L Masoor 125)
मसूर की यह किस्म 160 – 165 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. इस किस्म की खासियत है कि इसकी औसतन उपज 18 – 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होती है. इस किस्म की मसूर दाल का छिलका काले रंग का होता है एवं इसका दाना छोटे आकार का होता है
5. वी एल मसूर 126 (V L Masoor 126)
मसूर की यह किस्म 125 - 150 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. इस किस्म खास बात यह है कि इसकी औसतन उपज 12 – 16 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है. इस किस्म की मसूर दाल का छिलका काला होता है एवं इसका दाना छोटे आकार और इस किस्म की पौधे की ऊँचाई 30 – 35 से.मी. होती है. इस किस्म की खेती भारत के सभी राज्यों में की जाती है
मसूर की ये उन्नत किस्में खेती के लिए बहुत लाभकारी हैं. इन किस्मों से किसान भाई अधिक पैदावार कर सकेंगे एवं इन किस्मों से किसान अच्छी आय भी ली जा सकती है.
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