इन सब्जियों की खेती कर चार से पांच लाख कमाते हैं यह किसान, जानिए सही तरीका
Saral Kisan: भीलवाड़ा में दो किसान भिंडी, लौकी, कद्दू और ग्वारफली की खेती करके रोजाना एक से डेढ़ हज़ार रुपये की बचत करते हैं और वे इसे अपनी कमाई के रूप में देखते हैं। उन्होंने इस काम में मीठे पानी और जैविक खाद का प्रयोग करना शुरू किया है। इससे वे सब्जियों की खेती को सफलता प्राप्त करने में मदद मिलती है।
खेती का तरीका:
ये किसान भिंडी, लौकी, कद्दू और ग्वारफली की खेती अपने आधे बीघे जमीन में करते हैं। उनके अनुसार, पहले वे दस बिस्वा जमीन को तीन से चार बार ट्रैक्टर से जोतते हैं। फिर उसमें चार ट्रॉली द्वारा देसी खाद डाली जाती है और फिर वापस जोताई की जाती है। उन्होंने एक-एक फीट की दूरी पर खुदाई करके खाद्यानुसार खेत में छोर बनाई है। उन्हें अलग-अलग छोरों पर भिंडी, लौकी के बीज, कद्दू और ग्वारफली की खेती करनी होती है।
उत्पादन:
उनके अनुसार, इन सब्जियों की बुआई के चार-पांच हफ्ते बाद भिंडी की उत्पादन प्रारंभ होती है और यह चार महीनों तक उत्पादन देती है। भिंडी की खेती से प्रतिदिन 30 रुपये प्रति किलो, लौकी 20 रुपये, ग्वारफली 10 रुपये और कद्दू 20 से 30 किलो वजन के रोज़ सब्जियां बेचकर वे एक से डेढ़ हज़ार रुपये का मुनाफ़ा कमा लेते हैं।
सिंचाई:
इन सब्जियों को एक दिन के अंतराल पर सिंचाई की आवश्यकता होती है। वे खेत पर लगे सोलर पंप के जरिए 500 मीटर दूरी पर स्थित ट्यूबवेल से सिंचाई करते हैं। सब्जियों को खेत से काटकर सुबह से दोपहर तक वे भीलवाड़ा शहर के सब्जी मंडी में ले जाकर सीधे ग्राहकों को बेचते हैं।
कितनी कमाई होती है:
आधा बीघा यानी दस बिस्वा जमीन में उगाई सब्जियों से चार महीनों तक प्रतिदिन 2000 से 3000 रुपये की सब्जियां बिकती हैं। खर्च के बाद, इन किसानों की रोजाना कमाई चार से पांच लाख रुपये होती है।
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