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Success Story: होटल में वेटर की नौकरी करतें आया आईडिया, खुद के बना डाले 17 आउटलेट

KR Bhaskar Success Story : कर्नाटक में रहने वाले K R Bhaskar के बारे में बताने जा रहे हैं। कहानी संघर्ष से सफलता की कहानी है। "पुरणपोली घर ऑफ भास्कर" उनका ब्रांड है। पुरणपोली और भास्कर से हर महीने करोड़ों रुपये कमाते हैं। शार्क टैंक इंडिया सीजन 2 में केआर भास्कर ने अपने संघर्ष की कहानी को लोगों के सामने रखा था।यहाँ उनकी सफलता के बारे में जानें।
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Success Story: होटल में करतें वेटर की नौकरी करतें आया आईडिया, खुद के बना डाले 17 आउटलेट

Success Story : आज हम आपको कर्नाटक में रहने वाले K R Bhaskar के बारे में बताने जा रहे हैं। कहानी संघर्ष से सफलता की कहानी है। "पुरणपोली घर ऑफ भास्कर" उनका ब्रांड है। पुरणपोली और भास्कर से हर महीने करोड़ों रुपये कमाते हैं। यह एक सामान्य व्यंजन है। यह महाराष्ट्र में बहुत प्रसिद्ध है। यह छुट्टियों और विशिष्ट अवसरों पर बनाया जाता है। यह एक नरम और मीठी रोटी होती है, जिसको खाने से मीठा स्वाद आता है। यहाँ उनकी सफलता के बारे में जानें।

12 साल की उम्र में किया, होटल पर काम

भास्कर ने बारह साल की उम्र में बेंगलुरु के एक होटल में वेटर का काम शुरू किया था। पांच साल तक वे होटल में टेबल और बर्तन साफ करते रहे। यहीं उन्हें एहसास हुआ कि उनकी जिंदगी ऐसे नहीं बदलेगी। फिर उन्होंने आठ वर्ष तक डांस इंस्ट्रक्टर का काम किया था। उनके पास एक पान की दुकान भी थी, लेकिन इन सब से कुछ खास पैसा नहीं निकला।

साइकिल पर पुरणपोली बेचते हुए, बदला उनका भाग्य

23 साल की उम्र में भास्कर ने साइकिल पर मुंबई की सड़कों पर पुरणपोली बेचना शुरू किया। यहीं से उनका भाग्य बदल गया। उन्हें एक कुकिंग शो में चुने जाने के बाद पहचान मिली और धीरे-धीरे अपना ब्रांड बनाया।

आज 10 से ज्यादा फ्रैंचाइजी स्टोर के हैं, मालिक

आज भास्कर देश भर में हर आठ महीने में एक नया स्टोर खोल लेते है। कर्नाटक में ही उनके 10 से अधिक फ्रैंचाइजी स्टोर हैं। इन दुकानों से उनकी एक महीने की कमाई लगभग 18 करोड़ रुपये है। भास्कर अपने व्यवसाय से 3.6 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमा रहे है।

शार्क टैंक इंडिया शो में बताई, अपने संघर्ष की कहानी

शार्क टैंक इंडिया सीजन 2 में केआर भास्कर ने अपने संघर्ष की कहानी को लोगों के सामने रखा था। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने बहुत वर्ष पहले बेंगलुरु के एक होटल में वेटर का काम करते थे। भास्कर की कहानी से हम सबको सीखने को मिलता है कि लगन और कड़ी मेहनत से सफलता अवश्य मिलती है।

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