राजस्थान के रेतीले टीलों में खूब बरसे मेघ, टूट गए बारिश के रिकॉर्ड, क्या नही बचेगा रेगिस्तान?
Rainfall In Rajasthan : राजस्थान में इस बार मानसून के सीजन में बेहद अच्छी बारिश हुई है। कहीं-कहीं पर तो बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। भारत में कारगिल लेह लद्दाख और तमिलनाडु के बाद सबसे कम बारिश वाला इलाका राजस्थान का जैसलमेर है। यदि हम उत्तर भारत की बात करें तो उत्तराखंड के बागेश्वर के बाद जैसलमेर में इस बार सबसे अधिक बारिश हुई है। इस मानसून सीजन में कारगिल में 10.4 मिलीमीटर, लेह-लद्दाख में 26 मिलीमीटर, तमिलनाडु के टूटी कोरियन में 67.3 मिमी, तिरुनेलवेली में 92.5 मिमी, रामनाथपुरम में 132.1 मिमी, टेनकासी में 172.7 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है।
इन सभी के बाद राजस्थान का जैसलमेर आता है जहां समान्य बारिश का आंकड़ा 176.9 मिलीमीटर है। परंतु इस बार मानसून सीजन में 1 जून से लेकर 11 अगस्त तक 134 प्रतिशत ज्यादा बरसात का आंकड़ा दर्ज किया गया है। भारत में इस बार सबसे ज्यादा बारिश तिरुनेलवेली में हुई है। सामान्य से 406 प्रतिशत अधिक. इसके बाद साउथ वेस्ट खासी हिल्स में 256 फीसदी, बागेश्वर में 177 फीसदी, पांडिचेरी में 162 फीसदी, द्वारका में 161 फीसदी, विलुपुरम व विरुदु नगर में 145 फीसदी। इन सभी के बाद सबसे आखिर में जैसलमेर है।
राजस्थान के जिले जैसलमेर में इस वर्ष अब तक कुल मिलाकर 259.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। जैसलमेर में पूरे मानसून के मुकाबले इस बार 68 फीसदी अधिक बारिश हुई है। यह इतनी अधिक हुई की जैसलमेर की पहचान माने जाने वाले सोनार फोर्ट की दीवार भी रह गई। था रेगिस्तान के अन्य जिलों के मुकाबले जैसलमेर में कम बारिश 182 मिलीमीटर होती है। परंतु इस बार जैसलमेर की इन जिलों से तुलना की जाए तो 70 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है।
राजस्थान में जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर और बीकानेर जिले थार में आते हैं। थार रेगिस्तान का कुल इलाका करीबन 1.19 लाख वर्ग किलोमीटर से अधिक है। पहले जैसलमेर जिला सुख के लिए जानना चाहता था। जनवरी 2024 की एक रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान के जिलों में 1901 से 2019 के बीच जैसलमेर में सबसे ज्यादा 35 बार सूखा पड़ा।