राजस्थान में 30 साल में भूजल दोहन 114 प्रतिशत बढ़ा, सिर्फ 12 प्रतिशत ब्लॉक ही सुरक्षित
Rajasthan News : राजस्थान प्रदेश में मानसून आ चुका है, लेकिन भूजल स्तर की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। प्रदेश के 299 ब्लॉक में से सिर्फ 38 ब्लॉक यानी 12 प्रतिशत ब्लॉक ही सुरक्षित बचे हैं। पिछले 30 साल में भूजल दोहन 114 प्रतिशत बढ़ा है। पिछले साल 149 प्रतिशत भूजल का दोहन हुआ है। बारिश का पानी जमीन में रिचार्ज होने की बजाय नदियों और नालों में बह जाता है। प्रदेश के 88 प्रतिशत ब्लॉक सेमी क्रिटिकल, क्रिटिकल और अत्यधिक दोहित हैं।
अगर हालात ऐसे ही रहे तो आने वाले सालों में स्थिति भयावह होने की संभावना है। प्रदेश के 299 ब्लॉक में से 216 अतिदोहित हैं। पानी निकालने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन 2023 में यह आंकड़ा बढ़कर 149 प्रतिशत हो गया है। यानी भूजल का दोहन 114 प्रतिशत बढ़ गया है।
मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 में 5 लाख संरचनाएं
राज्य में भूजल की चिंताजनक स्थिति को देखते हुए सरकार ने मुख्यमंत्री जल भूजल विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 1984 में जमीन के नीचे से 35 प्रतिशत पानी स्वावलंबन अभियान 2.0 में 5 लाख जल संचयन संरचनाएं बनाने का निर्णय लिया गया है। ये जल संचयन संरचनाएं 20 हजार गांवों में बनाई जाएंगी। ताकि जल संरक्षण कार्यों को बढ़ाया जा सके। इसकी निगरानी ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग करेगा।
मानसून की बारिश के बाद 21 बांधों में हल्का पानी
मानसून आने से पहले 532 बांध पूरी तरह सूख चुके थे। राज्य के 691 बांधों में से 511 सूखे हैं। मानसून की बारिश के बाद 21 बांधों में हल्का पानी है। ऐसे में फिलहाल 176 बांधों की तलहटी में पानी है। सिर्फ चार बांध पूरी तरह भरे हैं। जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों का अनुमान है कि बांधों में पर्याप्त पानी आने पर आसपास के इलाकों में भूजल स्तर में भी सुधार हो सकता है। इससे ट्यूबवेल और कुएं भी रिचार्ज होंगे और फसलों की सिंचाई हो सकेगी। राज्य के ज्यादातर छोटे बांध सूखे पड़े हैं। 408 छोटे बांध हैं। इनमें से 336 पूरी तरह खाली हैं। सिर्फ 69 बांधों में नाममात्र पानी है।