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राजस्थान में सरकारी भवनों का बिजली बिल होगा जीरो, तीन तरह से बचत फार्मूला होगा लागू

Rajasthan News :राजस्थान में हजार मेगावाट की रूफटॉप सोलर लगाने की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। इससे हर साल करीब 17000 लाख यूनिट बिजली पैदा होगी। इससे भवनों का बिजली बिल शून्य हो जाएगा।

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राजस्थान में सरकारी भवनों का बिजली बिल होगा जीरो, तीन तरह से बचत फार्मूला होगा लागू

Rajasthan Vidyut Vitran Nigam : राजस्थान के सरकारी भवनों (स्ट्रीट लाइट और पेयजल वितरण सहित) में हर माह करीब 3400 लाख यूनिट बिजली खर्च हो रही है, जिसके लिए डिस्कॉम को 337 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा रहा है।  इस खर्च को बचाने और सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकार इन सरकारी भवनों की छतों पर 1000 मेगावाट के सोलर पैनल लगाने जा रही है।

इससे हर साल करीब 17000 लाख यूनिट बिजली पैदा होगी। इससे भवनों का बिजली बिल शून्य हो जाएगा। बिल सिर्फ स्ट्रीट लाइट और पेयजल आपूर्ति के लिए खपत होने वाली बिजली का ही देना होगा। इसके लिए राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम ने प्रक्रिया शुरू कर दी है।  फिलहाल डिस्कॉम ने 1574 मेगावाट क्षमता के कनेक्शन दिए हैं।

सूर्योदय योजना से उम्मीद

पीएम सूर्योदय योजना से राजस्थान को उम्मीद बढ़ी है। केंद्र सरकार ने एक करोड़ घरों में सोलर पैनल लगाने की योजना बनाई है, जिसमें राजस्थान का ग्राफ सबसे ज्यादा हो सकता है। क्योंकि, यहां सबसे ज्यादा सोलर रेडिएशन होता है।

रूफटॉप बढ़ेगी तो ये होंगे फायदे

  • बिजली बिल में कमी। 
  • अधिकतम खाली जगह का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग। 
  • सौर ऊर्जा उत्पादन में जनभागीदारी को बढ़ावा
  • प्रदूषण में कमी
  • कार्बन उत्सर्जन में कमी (प्रदेश में हर साल 110 से 115 मिलियन मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित हो रही है। इसमें से 34 प्रतिशत ऊर्जा थर्मल पावर प्लांट से आती है)

1. पांच रुपए प्रति यूनिट की बचत होगी

फिलहाल बिजली का बिल 8 रुपए प्रति यूनिट लिया जा रहा है। सोलर चैनल से बिजली उत्पादन की लागत करीब 3 रुपए प्रति यूनिट ही आएगी। सप्लाई और अन्य चार्ज जोड़ दिए जाएं तो भी चार से साढ़े चार रुपए प्रति यूनिट की बचत होगी।

2. डिस्कॉम को मिलेगी बिजली

सरकारी भवनों में अधिकतम बिजली खपत सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक ही होती है। इस दौरान सौर ऊर्जा का उत्पादन भी होता है। छुट्टी के दिनों में डिस्कॉम को सस्ती बिजली मिल सकेगी।

3. महंगी बिजली से मिलेगी राहत

बिजली उत्पादन और मांग में अंतर के कारण महंगी बिजली खरीदनी पड़ती है।  एक्सचेंज से 10 रुपए प्रति यूनिट की दर से करोड़ों यूनिट बिजली खरीदी गई। इन भवनों में सोलर पैनल लगने के बाद सालाना 17000 लाख यूनिट सोलर बिजली की आपूर्ति की जा सकेगी।

ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा की सस्ती बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में सभी सरकारी भवनों और इमारतों को रूफटॉप सोलर से लैस किया जाएगा। तय समय में प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।

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