Relationship Tips: बिन मांगी सलाह बिगाड़ सकती है रिश्ते, आपकी छवि पर पड़ेगा उल्टा असर
Relationship Tips: एलेक्जेंड्रा के अनुसार, बिना पूछे सलाह देना किसी की निजी सीमा में दखल जैसा है। मतलब, आप उस स्थिति में शामिल हो गए जहां आपकी जरूरत नहीं थी। शोध भी बताते हैं कि कार्यस्थल पर बिना मांगे दी गई सलाह को लोग अक्सर स्वार्थी मानते हैं और उसे नजरअंदाज कर देते हैं।

Saral Kisan: हम परेशानी में अपनों की मदद करना चाहते हैं। ऐसे में तुरंत सलाह देने लगते हैं। पर कई बार यह सलाह बिना मांगे होती है। इससे सामने वाला असहज महसूस करता है। रिश्तों में दूरी आ सकती है. मनोवैज्ञानिक एलेक्जेंड्रा सोलोमन कहती हैं, उनकी दो छोटी बहनें हमेशा उनसे सलाह लेती थीं। लेकिन कई बार वह बिना मांगे सलाह दे देती थीं। जैसे एक बार जब भतीजी की कॉलेज फीस को लेकर बहन परेशान थीं, तो उन्होंने तुरंत सुझाव देना शुरू कर दिया। जबकि बहन सिर्फ चिंता साझा करना चाहती थीं।
नजरअंदाज होती हैं बातें
एलेक्जेंड्रा कहती हैं, 'बिना पूछे सलाह देना किसी और की निजी सीमा में दखल है। यानी आप उस स्थिति में शामिल हो गए, जहां आपकी जरूरत नहीं थी। शोध बताते हैं कि कार्यस्थल पर बिना पूछे दी गई सलाह को अक्सर स्वार्थी समझा जाता है। लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। इससे छवि पर भी असर पड़ सकता है। इसके उलट, जब कोई खुद सलाह मांगता है, तो वह उसे मूल्यवान मानता है।
आपकी सलाह की जरूरत है या नहीं
डॉ. लैरिक कहते हैं कि खुद को तुरंत सलाह देने से रोकने के लिए एक तरीका यह है कि सामने वाले के लिए विकल्पों पर विचार करें। यानी सोचें कि वह क्या कर सकता है, बजाय आप उसे बताएं कि उसे क्या करना चाहिए। इससे आपकी बात सुझाव की तरह लगेगी, आदेश नहीं। मुश्किल में फंसे व्यक्ति को किसी और के उदाहरण से समझाएं। यह भी पता करें की उस व्यक्ति को वाकई में आपकी सलाह की जरूरत है या नहीं।
ऐसा करने पर वह आपकी बातों को सहजता से स्वीकार करेगा। उसे नाराजगी भी नहीं होगी। एलेक्जेंड्रा कहती है, 'इस व्यवहार से उसे लगता है कि वह खुद तय कर रहा है कि उसे आपकी राय सुननी है या नहीं। वह कम रक्षात्मक होता है और आपकी बातें यह ज्यादा खुले मन से सुनता है।
स्थिति और नतीजों का अनुमान लगा लें
ड्यूक यूनिवर्सिटी के प्रो. रिचर्ड लैरिक कहते हैं, 'जब हम सलाह देते हैं, तो वह हमारे अनुभवों पर आधारित होती है। हम वही बातें साझा करते हैं, जो हमें उपयोगी लगती हैं। पर जरूरी नहीं कि वही बातें सामने वाले के लिए भी उतनी ही उपयोगी हों। हर व्यक्ति की परिस्थिति अलग होती है। इसलिए सलाह देने से पहले समझना जरूरी है कि उस व्यक्ति की स्थिति क्या है और क्या आपकी राय से वह व्यक्ति फायदा उठा पाएगा..