home page

नई दवा कारगर, कोलेस्ट्रॉल होगा 50% तक कम

High Cholesterol : कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होना एक बड़ा कारण है। अब नई दवा के जरिए इसे जल्दी कम किया जा सकता है। दिल्ली से आए डॉ. अनिल सक्सेना ने बताया कि नई दवा कुछ ही महीनों में कोलेस्ट्रॉल को 50 प्रतिशत तक कम कर देती है और इसे साल में सिर्फ दो बार लेने की जरूरत होती है।

 | 
नई दवा कारगर, कोलेस्ट्रॉल होगा 50% तक कम 

High Cholesterol : कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होना एक बड़ा कारण है। अब नई दवा के जरिए इसे जल्दी कम किया जा सकता है। इसके लिए अब इंक्लिसिरान नाम की नई दवा आई है, जिसे इंजेक्शन के रूप में लिया जा सकता है और बढ़ते कोलेस्ट्रॉल स्तर की गंभीर समस्या से निजात मिल सकती है। हृदय गति से जुड़ी बीमारियों के उपचार की ताजा जानकारी साझा करने के लिए शनिवार से शुरू हुए राष्ट्रीय सम्मेलन जयपुर हार्ट रिदम समिट में विशेषज्ञों ने ऐसी ही जानकारी दी।

दिल्ली से आए डॉ. अनिल सक्सेना ने बताया कि नई दवा कुछ ही महीनों में कोलेस्ट्रॉल को 50 प्रतिशत तक कम कर देती है और इसे साल में सिर्फ दो बार लेने की जरूरत होती है। सम्मेलन के आयोजन अध्यक्ष डॉ. जितेंद्र सिंह मक्कड़ ने बताया कि पहले दिन इको संगोष्ठी की शुरुआत बीमारियों की जानकारी से हुई।  

इस दौरान ईसीजी क्विज का आयोजन किया गया, जिसमें कार्डियोलॉजी स्पेशियलिटी के युवा डॉक्टरों ने जवाब दिए और उन्हें पुरस्कार भी दिए गए। आयोजन सचिव डॉ. कुरा कुमार भगत ने बताया कि पहले दिन ब्रैडी एरिद्मिया, मायोकार्डियल इस्केमिया, एट्रियल फिब्रिलेशन जैसे विषयों पर विशेषज्ञों ने अपने शोध प्रस्तुत किए।

सीआरटी-डी अचानक हृदय मृत्यु से बचाता है

दिल्ली से आए टीएस क्लेयर ने बताया कि अगर दक्षता 35 प्रतिशत तक गिर जाती है तो मरीज को परेशानी होती है। सीआईटी-डी मशीन मरीज को कम और अचानक हृदय मृत्यु दर दोनों से बचाती है। फेलियर के मरीज का दो दशक तक भी जीवित रहना मुश्किल था, लेकिन नई दवा की बदौलत अब उसकी जिंदगी 20 साल और बढ़ गई है। अहमदाबाद के डॉ. ने बताया कि हार्ट फेलियर को पांच साल से पहले कम किया जा सकता है और मशीनों का इस्तेमाल किया जा सकता है। अजय नायक धड़कन से हैं।  हां

संबंधित बीमारियों से पीड़ित लोगों को मैदा, सूजी, रेड मीट, चीनी जैसे रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट लेने से बचना चाहिए क्योंकि ये शरीर में सूजन बढ़ाते हैं। इन्हें सूजन पैदा करने वाले खाद्य पदार्थ भी कहते हैं। इनके सेवन से अनियमित दिल की धड़कन का खतरा बढ़ जाता है।

यूडीआई मैपिंग से सटीक लोकेशन का पता लगाया जा सकता है। अहमदाबाद के डॉ. अनूप गुप्ता ने बताया कि दिल की सबसे गंभीर बीमारियों में से एक एरिथमिया दिल के किस हिस्से से विकसित हो रही है, इसकी सटीक जानकारी मिल सकती है। इसके लिए अब यूडीआई मैपिंग तकनीक आ गई है। इसमें सॉफ्टवेयर की मदद से दिल की साफ तस्वीर बनाई जाती है और इलेक्ट्रोड लगाकर रियल टाइम में पता लगाया जा सकता है कि दिल में कहां से दिल की धड़कन बढ़ रही है। इस टेस्ट से एरिथमिया की पहचान और इलाज बेहद आसान हो गया है।

Latest News

Featured

You May Like