उत्तर प्रदेश में 3 साल से लिए सैंपलों में आधे से ज्यादा नकली दूध, जानिए कैसे हो रहा तैयार
Uttar Pradesh : दूध में मिलावट का काम तो कई सालों से चला आ रहा है लेकिन पहले दूध में सिर्फ पानी की मिलावट की जाती थी। लेकिन इसके बाद धीरे-धीरे हुई रिसर्च से पता चला कि दूध में यूरिया भी मिलाई जाती है। लेकिन आज का समय ऐसा आ गया है, जब सिर्फ केमिकल से ही दूध बनाया जा रहा है। दूध और इससे बनने वाले प्रोडक्ट में मिलावट आजकल आम हो गई है। त्यौहार का सीजन शुरू होते ही FSSAI की एक रिपोर्ट राज्यसभा में पेश की गई। जिससे पता चलता है कि दूध में मिलावट का धंधा कितने बड़े स्तर पर चलाया जा रहा है।
आज हम आपको बताने वाले हैं कि सरकारी डाटा के हिसाब से कितने डेयरी प्रोडक्ट के सैंपल में मिलावट मिली है और नकली दूध बनाने के लिए किस तरह के केमिकल का प्रयोग किया जाता है।
कैसे होती है मिलावट
FSSAI ने राज्यसभा में 3 साल से ली गयी डेयरी प्रोडक्ट के सैंपल से जुड़ा एक डाटा पेश किया है। इससे पता चला है कि दूध में मिलावट के सबसे अधिक मामलों की बात की जाए तो उत्तर प्रदेश से आए हैं। इसके साथ-साथ राजस्थान, तमिलनाडु और केरल का भी नाम देखने को मिला है।
उत्तर प्रदेश की अगर बात की जाए तो साल 2023-24 में दूध से बने प्रोडक्ट के 27750 सैंपल लिए गए जिनमें से 16183 सैंपल फेल हो गए थे। वहीं अगर राजस्थान की बात की जाए तो 18264 सैंपल में से 3564 सैंपल फेल हो गए और तमिलनाडु में 18146 सैंपल में से 2237 सैंपल और केरल में 10792 में से 1297 सैंपल फेल पाए गए। उत्तर प्रदेश में मिलावट का खेल करने वालों के खिलाफ मिलावट खोरी अधिनियम 1928 के तहत के दर्ज किया गया।
किन चीज़ों में हो रही मिलावट
जानकारी के अनुसार बता दें कि दूध में मिलाए जाने वाले केमिकल हमारे शरीर के लिए काफी खतरनाक होते हैं। नकली दूध बनाने के लिए दूध में यूरिया और डिटर्जेंट के साथ कई कैमिकल मिलाए जाते हैं। इसके साथ-साथ बताया जा रहा है कि दूध में यूरिया के साथ-साथ कास्टिंग सोडा, मालतोडेक्सट्रिन आदि की भी मिलावट की जाती है। इसके साथ-साथ दूध में फैट की मात्रा को बढ़ाने के लिए हाइड्रोजन पराक्साइड, फॉर्मलीन मिलाया जाता है।
दूध में अमोनिया में यूरिया की मिलावट के कारण स्वाद खराब हो जाता है तो उसे ठीक करने के लिए स्टार्च मिलाया जाता है। जिससे दूध में मिलावट का पता नहीं चलता। सबसे खास बात यह है कि बिना मशीनों और लैब टेस्ट के मिलावटी दूध की पहचान करना काफी मुश्किल हो जाता है।