कश्मीर का केसर दुनिया भर में मशहूर है। सबसे महंगा मसाला हिमालय की इन्हीं ऊंची वादियों में उगता है।
इसका पौधा बड़ी मुश्किल से उगता है, ऊपर से फूलों को बड़ी सावधानी से तोड़ना पड़ता है।
केसर के पौधे का वैज्ञानिक नाम Crocus Sativus है। हर पौधे में दो फूल खिलते हैं। हर फूल में तीन कोंपल होते हैं।
कोंपलों को भी हाथ से अलग किया जाता है फिर उन्हें सुखाया जाता है। इसमें कई दिन लग जाते हैं।
कोंपलों को सूखने के लिए 3-5 दिन तक छोड़ दिया जाता है। फिर उन्हें पैक करके डिस्पैच कर दिया जाता है।
एक अनुमान के अनुसार, पूरी दुनिया में सालभर में 300 टन केसर की पैदावार होती है। 80% उत्पादन ईरान में होता है।
केसर की डिमांड कहीं ज्यादा है इसलिए कीमत हमेशा चढ़ी रहती है। केसर 500 रुपये प्रति ग्राम से लेकर 700 रुपये प्रति ग्राम के भाव बिकता है।
केसर का इस्तेमाल खान-पान से लेकर कॉस्मेटिक्स यहां तक कि कॉकटेल्स तक में होता है।
केसर को 'लाल सोना' भी कहते हैं। अब महाराष्ट्र, हरियाणा और आंध्र प्रदेश में भी केसर उगाया जा रहा है, एक नियंत्रित वातावरण में।