किसानों को बाग लगाने के लिए मुफ्त मिलेंगे 16 प्रकार के पौधे, देखें पूरी योजना
Employment Guarantee Scheme : बागवानी खेती के किसानों की आय में आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा इजाफा किया जा रहा है। इसके अंतर्गत, मध्य वर्गीय या छोटे सीमांत किसानों को इम्प्लॉयमेंट गारंटी योजना के तहत बाग लगाने के लिए 16 वैरायटी के पौधे को बिना किसी क़ीमत के दिए जाएंगे। इसके पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य छोटे किसानों की आय को बढ़ाना है। जो किसान इस योजना का लाभ उठाने के इच्छुक हैं, उनको राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना आवेदन जमा करना होगा।
आंध्र प्रदेश राज्य सरकार की तरफ से नरेगा स्कीम के अंतर्गत ही इम्प्लॉयमेंट गारंटी योजना कों शुरू किया गया है। इस योजना में प्रशासन द्वारा 5 एकड़ से कम जमीन वाले किसानों के लिए बागवानी के 16 किस्म के पौधे दिए जाएंगे। किसानों को पौधों के साथ-साथ इस पर आने वाली पूरी लागत और साल में दो बार खाद का पैसा भी सरकार द्वारा दिया जाएगा। जिसका लाभ केवल छोटे किसान ही उठा सकेंगे।
योजना का मुख्य उद्देश्य
इस स्कीम को चलाने का मुख्य उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों की आय में इजाफा करना है। इसके अंतर्गत छोटे किसान पारंपरिक खेती को छोड़कर बागवानी फसलों से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
स्कीम से मिलने वाले लाभ
इस स्कीम के माध्यम से नरेगा के कर्मचारियों को रोजगार भी दिया जा रहा है और साथ में छोटे किसानों की मदद की जा रही है। इस योजना से होने वाले लाभ इस प्रकार से हैं।
- इस स्कीम के अंतर्गत, छोटे किसानों को 16 किस्म की बागवानी पौधे दिए जाएंगे।
- किसानों को पौधे के लिए गड्ढा खोदने और नरेगा की मजदूरी भी जाएगी।
- किसानों को साल में दो बार खाद का खर्चा राज्य सरकार उपलब्ध करवाएगी।
- इसकी सहायता से किसानों की आय में वृद्धि होगी।
- किसान इस योजना का लाभ उठाकर अपने इलाकों में बाढ़ और सूखे जैसी गंभीर समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
किसान को इन डॉक्यूमेंट की होगी, जरूरत
इस योजना में आवेदन करने के लिए किसानों को इन डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ती है। जिसमें किसान का नरेगा जॉब कार्ड, बैंक खाते की फोटो कॉपी, किसान का पासपोर्ट साइज फोटो, खेत के कागज पत्र, स्कीम से संबंधित फार्म जमा करना होता है।
इस तरह करें, योजना में आवेदन
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को अपने नजदीक किसी नरेगा ऑफिस में जाकर इससे संबंधित फार्म को भरना होगा। इस फॉर्म को जमा करवाने के बाद इसकी जांच अधिकारी द्वारा की जाएगी और बाद में इसका लाभ किसान को दिया जाएगा।