बिहार को सिंचाई के लिए मिलेगा भरपूर पानी, उत्तर प्रदेश के गंडक प्रोजेक्ट से होगा आवंटन
Gandak Project : बिहार सरकार अब सिंचाई के लिए उत्तर प्रदेश की गंडक नदी से अपने हिस्से का पानी लेने वाली है। इसके लिए कार्यप्रयोजना तैयार की जा चुकी है। रिहंद और वाणसागर जलाशय के बाद गंडक नदी के पानी की हिस्सेदारी को लेकर बिहार सरकार गंभीर है। इसी वजह से अब सिंचाई के लिए नदी से पूरा पानी लिया जाएगा।
बता दें कि गंडक पश्चिमी नहर प्रणाली से सारण मुख्य नहर में जल स्राव के लिए उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के गंडक परियोजना संभाग से पानी की मांग की जाती है। इससे पहले बिहार और उत्तर प्रदेश अपनी जरूरत के हिसाब से गंडक नदी से सिंचाई के पानी की मांग करता था।
बाल्मीकि नगर बराज के संचालक प्रभारी द्वारा बिहार और उत्तर प्रदेश को मांग के अनुसार पानी छोड़ा जाता है। इससे पहले ये पानी उत्तर प्रदेश को जाता था। इसके बाद उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा बिहार में इसी नदी का पानी सारण मुख्य नहर के माध्यम से भेजा जाता था। जल संसाधन विभाग ने उत्तर प्रदेश से समय पर अपने कोटे के पानी की उपलब्धता के लिए सिवान के सिंचाई सृजन के मुख्य अभियंता को जिम्मेवारी सौंपी है। इसके बाद मुख्य अभियंता उत्तर प्रदेश राज्य के सिंचाई विभाग से जुड़े पदाधिकारी से समय पर पानी की मांग करेंगे।
नहीं होगी पानी की समस्या
गंडक नदी से सिंचाई के लिए पानी कोटा के अनुसार मिलने पर किसानों को सिंचाई की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। क्योंकि इसके बाद भरपूर मात्रा में पानी मिल सकेगा और समय पर सिंचाई की जा सकेगी। पानी की उपलब्धता के आधार पर सिंचाई के कार्ययोजना तय की जाती है।
आठ जिलों को पानी
गंडक सिंचाई परियोजना के माध्यम से आठ जिलों को सिंचाई के लिए पानी मिलता है। पश्चिमी गंगा नहर प्रणाली के माध्यम से सारण, सिवान और गोपालगंज को पानी मिलता है। वहीं पूर्वी गंडक नहर प्रणाली के माध्यम से चंपारण, वैशाली, मुजफ्फरनगर, समस्तीपुर को सिंचाई के लिए पानी मिलता है।
जारी हुई सारणी
गरमा और खरीफ फसलों के लिए नहर खोलने की तिथि निर्धारित की जा चुकी है। 25 अप्रैल को खरीफ फसलों के लिए नहर खोलने की तिथि निर्धारित की गई है। वही 20 दिसंबर को रबी फसलों के लिए नहर खोलने की तिथि निर्धारित की गई है। ऐसे में संबंधित नहर प्रणालियों के मुख्य अभियंता खरीफ के लिए मांग 24 अप्रैल तक जबकि रबी फसल के लिए 9 दिसंबर तक मांग कर दी जाएगी।
इसके साथ साथ गंडक नहर प्रणाली में समय पर जलस्राव उपलब्ध कराने के लिए वाल्मीकिनगर बराज पर खराफ फसल के लिए 25 अप्रैल से पूर्व व रबी फसल के लिए 20 दिसंबर से पूर्व जलाशय में एकत्र करने की व्यवस्था वाल्मीकिनगर बराज के प्रभारी सुनिश्चित करेंगे।