बिहार के किसानों की हुई मौज, तालाब और कुआं बनाने के लिए मिल रही 100 प्रतिशत तक सब्सिडी
Bihar Govt Giving Subsidy : देश के बहुत से हिस्सों में किसानों को घट रहे भूजल स्तर का सामना करना पड़ रहा है। इसी वजह से किसानों को सिंचाई के लिए कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन्हीं परेशानियों से राहत दिलाने के लिए बिहार सरकार की ओर से एक परियोजना चलाई जा रही है। जिसका नाम हर खेत तक सिंचाई का पानी रखा गया है।
बिहार सरकार द्वारा चलाई जा रही इस परियोजना के तहत किसानों को खेत में तालाब और सिंचाई के लिए ट्यूबवेल लगाने की सुविधा दी जा रही है। इस परियोजना के तहत किसानों को 80 से 100% तक सब्सिडी दी जा रही है। इस परियोजना की शुरुआत बिहार के 9 जिलों से की गई है। इसमें जमुई, रोहतास, अरवल, जहानाबाद, नालंदा, पटना, शेखपुरा, कैमूर और बक्सर शामिल हैं. अगर कोई भी किसान खेतों में तालाब और सिंचाई के लिए कूप का निर्माण करवाना चाहता है। तो इसके लिए आवेदन करना पड़ेगा।
निजी और सामुदायिक भूमि पर तालाब और कूप निर्माण के लिए अंतिम तिथि 20 जुलाई 2024 रखी गई है। इस परियोजना की अधिक जानकारी के लिए आप https://bwds.bihar.gov.in पर विजिट किया जा सकता है। इस परियोजना के लिए ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं।
हर खेत तक सिंचाई का पानी योजना के तहत किसान के पास 10 फीट व्यास और 30 फीट की गहराई वाले सिंचाई कुआं के निर्माण के लिए जगह होनी चाहिए। इसके साथ ही सरकारी और सामुदायिक भूमि के लिए 15 फीट व्यास और 30 फुट के गहराई के लिए सिंचाई कुएं का निर्माण करवाया जाएगा। वहीं अगर निजी भूमि पर तालाब का निर्माण करवाना चाहते हैं तो आपको (150'x100'x8') जगह की जरूरत पड़ेगी। वहीं फार्म पौंड के लिए (100’x66’x10’) जगह की जरूरत पड़ेगी।
इस परियोजना के तहत अपने निजी जमीन पर सिंचाई कुआं निर्माण करवाने के लिए 80% सब्सिडी और सामुदायिक जमीन पर कुआं बनवाने के लिए 100% सब्सिडी दी जा रही है। इसी के साथ अगर आप निजी भूमि पर जल संरक्षण के लिए तालाब और फॉर्म पौंड का निर्माण करवाते हैं तो 90% सब्सिडी दी जा रही है।
इस योजना का कार्यान्वयन जिलावार और मदवार निर्धारित भौतिक लक्ष्य के मुताबिक पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा। इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को कृषि विभाग की सरकारी वेबसाइट https://state.bihar.gov.in/citizenhome.html पर दिए गए लिंक से आवेदन किया जा सकता है। इस परियोजना के लिए आवेदन डीबीटी इन एग्रीकल्चर के 13 अंकों की पंजीकरण संख्या से किया जा सकता है।