Cheque Bounce होने पर क्या होता है नुकसान, जुर्माने के साथ कितनी मिलती है सजा
Cheque Bounce Rules : अब चेक का उपयोग करना आम है। चेक का उपयोग भी बहुत संभलकर करना चाहिए। चेक बाउंस होने से देनदार को समस्या हो सकती है। अगर आप चेक काट देते हैं और आपके खाते में पैसे नहीं हैं, तो आपको चेक बोनस जुर्माना और सजा भी भुगतनी पड़ सकती है। आइए खबर से जानें कि इसके लिए कितनी सजा व जुर्माना होगा।

The Chopal, Cheque Bounce Rules : जबकि बड़े भुगतान के लिए चुक का उपयोग करना सुरक्षित माना जाता है, यह भी बड़ी चुनौती का कारण बन सकता है। कारणों से चेक बाउंस (कारणों से चेक बाउंस) होने पर आपको जुर्माना भरने के साथ-साथ जेल भी जाना पड़ सकता है।
इसके साथ ही अगले साल से बैंक की पेनेल्टी भी देनी होगी। इसलिए, चेक का उपयोग करते समय इससे जुड़ी सभी सुरक्षा उपायों का पालन करना अनिवार्य है। अक्सर चेक काट दिया जाता है, लेकिन बैंक में पैसा नहीं होता। आइए जानें कि ऐसे में चेक देनदार को कितनी सजा व जुर्माना देना पड़ सकता है।
कब चेक हटाया जाता है—
वास्तव में, चेक बाउंस के कई कारण हैं। जब किसी को चेक जारी किया जाता है और खाते में उतना पैसा नहीं होता तो चेक बाउंस या रिजेक्ट हो सकता है। यह कानून अधिकांश लोगों को जेल या जुर्माना देता है,
लेकिन नियमों के अनुसार चेक बाउंस होने पर ऐसा नहीं होता; चेक देने वाले को पहले मौका दिया जाता है, लेकिन अंततः जेल और जुर्माना होता है। कानून के अनुसार, इन मामलों में बरी होने की संभावना कम है। चेक बाउंस (Cheque Bounce hone par kya kre) होने पर, बैंक का समय खराब होने पर चेक देनदार से अलग से पेनाल्टी वसूली जाती है।
चैक बाउंस को लेकर केस दर्ज करने का समय:
जब चेक बाउंस (Cheque Bounce) होता है, बैंक चेक लेनदार को रसीद देता है, जिस पर आगे की कार्रवाई होती है। चेक लेनदार चेक देनदार को बताता है कि चेक बाउंस हो गया है। चेक देनदार को भुगतान करने के लिए एक महीने का समय मिलता है।
यदि ऐसा नहीं होता, तो रसीद के आधार पर लेनदार को लीगल नोटिस भेजा जाता है (What is a dishonoured cheque)? यदि इस नोटिस के 15 दिन तक कोई समाधान नहीं मिलता है, तो चेक देनदार पर Negotiable Instrument Act 1881 (Negotiable Instrument Act 1881) का सेक्शन 138 लागू होता है।
चैक बाउंस को लेकर सजा-
साथ ही चेक बाउंस के नियम (check bounce ke niyam) में दो साल की सजा है। कानून के अनुसार चेक बाउंस करना दंडनीय अपराध है। चेक बाउंस होने पर चेक देने वाले को जुर्माना या दो साल की सजा या फिर दोनों भी हो सकता है। देनदार को ब्याज के साथ चेक देना होगा। याद रखें कि चेक बाउंस केस (Cheque Bounce case) सिर्फ संबंधित क्षेत्र में दर्ज किया जाता है।
कितने समय तक चैक वैलिड रहता है?
चैक (Cheque Bounce New Rules) मिलते ही उसे बैंक से पैसे निकालना नहीं पड़ता। दरअसल, आपको बता दें कि किसी भी चेक तीन महीने तक वैध रहता है। उस व्यक्ति को इतने समय में चेक कैश करना चाहिए। चेक की वैधता की अवधि समाप्त होने पर, चेक को अमान्य (invalid) या बाउंस करार दे दिया जाता है।