40 रुपये महंगी हुई यह दाल, आम आदमी पर महंगाई की मार
Saral Kisan: दाल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार पूरी कोशिश कर रही है, लेकिन अरहर दाल की कीमत महंगी होने के बजाय और बढ़ती जा रही है। पिछले दो महीने में अरहर दाल की कीमत में 30 से 40 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। अब 1 किलो अरहर दाल की कीमत 160 से 170 रुपये हो गई है। ऐसे में, आम जनता की थाली से दाल गायब हो गई है।
केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, देश में अरहर दाल के उत्पादन में कमी आई है। पिछले साल के मुकाबले, अरहर दाल के घरेलू उत्पादन में 7.90 लाख टन की कमी दर्ज की गई है। 2022-23 के तीसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक, देश में अरहर का उत्पादन 34.30 लाख टन पर पहुंच गया है, जबकि लक्ष्य 45.50 लाख टन था। साल 2021-22 में अरहर का उत्पादन 42.20 लाख टन रिकॉर्ड किया गया था। सरकार ने फसल सीजन 2022-23 के लिए अरहर दाल के उत्पादन में बढ़ोतरी का अनुमान लगाया था, लेकिन यह पूरा नहीं हुआ।
10 लाख टन अरहर दाल का आयात करने का निर्णय लिया गया है।
हालांकि, केंद्र सरकार ने दालों की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। केंद्र सरकार ने दालों की स्टॉक लिमिट तय कर दी है और 10 लाख टन अरहर दाल का आयात करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, सरकार ने आयात शुल्क भी हटा दिया है। वहीं, दालों के स्टॉक की निगरानी करने के लिए एक कमेटी बनाई गई है।
भारत सबसे अधिक दाल दुनिया से खरीदता है। दलहन के मामले में भारत आत्मनिर्भर नहीं है। अपनी मांग को पूरा करने के लिए, भारत हर साल हजारों करोड़ रुपये की दाल अन्य देशों से आयात करता है। साल 2020-21 में भारत ने 24.66 लाख टन दाल विदेशों से आयात की थी। साल 2021-22 में इस आंकड़े में 9.44 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। भारत ने साल 2021-22 में 26.99 लाख टन दाल अन्य देशों से खरीदी। भारत अफ्रीकी देशों, म्यांमार और कनाडा से सबसे अधिक दाल आयात करता है।
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