बिना खेत ही इस खास तरीके की खेती से हर महीने 50 हजार कमा रहा ये शख्स, 30 दिन में मुनाफा मिलना शुरू

Success Story : सरकार मशरूम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को विशेष प्रशिक्षण और धन दे रही है। प्रशिक्षण शिविर चल रहे हैं। मशरूम किट सब्सिडी पर उपलब्ध कराया जाता है। किसानों को आर्थिक सहायता मिल रही है। बिहार के किसान अवधेश मेहता ने खेती में एक नई विधि विकसित की है। उन्होंने पारंपरिक खेती को छोड़कर मशरूम खेती शुरू की। जिससे वे अधिक मुनाफा प्राप्त करते हैं और आर्थिक रूप से संपन्न होते हैं। उन्हें साबित करना पड़ा कि मेहनत, आधुनिक तकनीक और सही योजना से खेती फायदेमंद है।
12 हजार रुपये के निवेश से शुरुआत
12 हजार रुपये का निवेश करके किसान अवधेश मेहता ने मशरूम उत्पादन शुरू किया। उनके पास दो सौ बैग थे। जिनकी लागत प्रति बैग 60 रुपये थी। एक बैग में 1-1.5 किलो मशरूम की उपज मिली। मशरूम वर्तमान में 250 रुपये प्रति किलो बिकता है। 200 बैग से 50 हजार रुपये तक की कमाई इससे होती है। किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफे का यह मॉडल अच्छा लग रहा है।
जोखिम में अधिक मुनाफा देता है, मशरूम उत्पादन
अवधेश की सफलता से प्रेरित होकर 15 किसान भी मशरूम उत्पादन में जुट गए हैं। मशरूम का उत्पादन पारंपरिक खेती की तुलना में कम जगह और कम खर्च में किया जा सकता है। इसलिए मशरूम उत्पादन किसानों के लिए सबसे अच्छा विकल्प बन रहा है।
25-30 दिनों में मशरूम कटाई के लिए तैयार
मशरूम बनाना एक वैज्ञानिक अभ्यास है। कोई भी किसान इसे सीखकर शुरू कर सकता है। मशरूम की खेती के लिए ठंडी और नमीयुक्त स्थान आवश्यक है। बीज को गेहूं की भूसी या पुआल में मिलाकर बैग बनाए जाते हैं। 20–25 डिग्री पारा और 80–85% नमी चाहिए। मशरूम 25 से 30 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाता है। इसके बाद इसे बिक्री की जाती है। यह कम जोखिम पर अधिक लाभ देता है। यह व्यवसाय पारंपरिक फसलों की तुलना में अधिक समय में अधिक मुनाफा देता है। पारंपरिक खेती के अलावा बहुत से लोग मशरूम और मछली पालन भी कर रहे हैं।
मशरूम किट पर 90% सब्सिडी
मशरूम किट पर लाभार्थी किसानों को 90% सब्सिडी दी जाती है। मशरूम को उगाने के लिए खेत की आवश्यकता नहीं होती। मशरूम की खेती घर के किसी एक कमरे में भी कर सकते हैं। राज्य के किसान मशरूम किट वितरण योजना के तहत 90 प्रतिशत सब्सिडी पर किट खरीद सकते हैं, बिहार कृषि विभाग के अनुसार। किसानों को मशरूम किट पर सिर्फ पांच से छह रुपये खर्च करने होंगे। इस योजना में किसानों को 100 मशरूम कीट और कम से कम 25 कीट दिए जाएंगे।