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Rajasthan : प्रदेश में करीब 25 हजार ज्वैलर्स हैं, लेकिन अब तक सिर्फ 7580 के पास ही हॉलमार्क लाइसेंस है

Rajasthan Jaipur News :तीन साल पहले देशभर में सोने के आभूषणों के लिए अनिवार्य हॉलमार्किंग लागू होने के बावजूद प्रदेश के 25 हजार ज्वैलर्स में से अब तक सिर्फ एक तिहाई ने ही हॉलमार्क लाइसेंस लिया है। फिलहाल प्रदेश के सिर्फ 19 जिलों में ही हॉलमार्क ज्वैलरी बचना अनिवार्य है।
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Rajasthan : प्रदेश में करीब 25 हजार ज्वैलर्स हैं, लेकिन अब तक सिर्फ 7580 के पास ही हॉलमार्क लाइसेंस है

Rajasthan Jaipur News : तीन साल पहले देशभर में सोने के आभूषणों के लिए अनिवार्य हॉलमार्किंग लागू होने के बावजूद प्रदेश के 25 हजार ज्वैलर्स में से अब तक सिर्फ एक तिहाई ने ही हॉलमार्क लाइसेंस लिया है। फिलहाल प्रदेश के सिर्फ 19 जिलों में ही हॉलमार्क ज्वैलरी बचना अनिवार्य है। बाकी में हॉलमार्क सेंटर नहीं होने से ज्वैलर्स को सोने के आभूषण बेचने के लिए हॉलमार्क लाइसेंस लेने से छूट है। प्रदेश में अब तक सिर्फ 90 हॉलमार्क सेंटर ही खुल पाए हैं। वहीं, प्रदेश में चांदी के आभूषणों के लिए हॉलमार्क लाइसेंस लेने वाले ज्वैलर्स की संख्या सिर्फ 1,771 है। 

हालांकि, सरकार ने अभी तक चांदी के हॉलमार्क वाले आभूषण बेचना अनिवार्य नहीं किया है। इस वजह से चांदी के आभूषणों की शुद्धता को लेकर ज्यादा शिकायतें सामने आई हैं।  बता दें, सरकार ने सोने की शुद्धता के प्रमाण के तौर पर 16 जून 2021 के बाद चरणबद्ध तरीके से हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी थी। फिलहाल देश के कुल 343 जिलों में हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी गई है। 

प्रदेश के इन जिलों में लागू है हॉलमार्क

अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़, जयपुर, झुंझुनू, जोधपुर, कोटा, नागौर, पाली, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही, श्रीगंगानगर, उदयपुर और जालौर। बीआईएस की वेबसाइट के मुताबिक लाइसेंसी हॉलमार्क ज्वैलर्स की कीमतों में कमी के बाद ग्रामीण इलाकों में सोने के आभूषणों की अच्छी मांग है।  

उधर, सर्राफा व्यापारी समिति जयपुर जिला के अध्यक्ष कैलाश मित्तल का कहना है कि सोने के भाव में गिरावट के बाद आभूषणों की मांग बढ़ी है। उन्होंने कहा कि फसल कटने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों से सोने के आभूषणों की अच्छी मांग आ रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में पीढ़ियों से आभूषणों के कारोबार से जुड़े ज्वैलर्स के पास अच्छी नौकरी है। दरअसल, ग्राहकों के साथ उनका रिश्ता कई सालों से चला आ रहा है। अपने ग्राहकों का विश्वास बनाए रखने के लिए ये ज्वैलर्स शुद्धता से समझौता नहीं करते। ऐसे ज्वैलर्स ने आभूषण कारोबार को बढ़ाने में काफी योगदान दिया है। मित्तल ने कहा कि मैंने कभी नहीं कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ज्वैलर्स सोने की शुद्धता को लेकर अनियमितता करते हैं। हालांकि, सर्राफा समिति नकली सोने के आभूषणों का कारोबार करने वालों के पक्ष में नहीं है।

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