देश में खपत बढ़ाने के लिए सरकार आगामी बजट में 50 हजार करोड़ रुपये की योजनाएं लाने की तैयारी में
Government announcement : भारत देश में खपत बढ़ाने के लिए सरकार आगामी बजट में 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक की प्रोत्साहन योजनाएं ला सकती है। इस योजना में कम आय वाले लोगों के लिए कर राहत भी शामिल है। अगर सरकार यह कदम उठाती है तो देश में सात साल में पहली बार कर में कटौती होगी।
बजट की तैयारियों से जुड़े लोगों ने बताया कि वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने उन उपभोक्ताओं के लिए कर में कटौती के प्रस्तावों पर चर्चा की है जो सबसे अधिक खर्च कर सकते हैं। इसका सबसे अधिक फायदा उन लोगों को होगा जिनकी सालाना आय 5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये के बीच है। ऐसे लोग 5-20% आयकर स्लैब में आते हैं।
कर में कटौती पर 50% राशि खर्च की जा सकती है
इस प्रोत्साहन योजना की आधी राशि यानी करीब 25,000 करोड़ रुपये कम आय वाले लोगों के लिए कर में कटौती पर खर्च किए जाएंगे।
छोटे किसानों को सालाना नकद भुगतान बढ़ाकर 8,000 रुपये करने पर चर्चा चल रही है, जो अभी 6,000 रुपये है।
न्यूनतम रोजगार गारंटी कार्यक्रम के तहत सालाना भुगतान और महिला किसानों के लिए वित्तीय सहायता भी बढ़ाई जा सकती है।
घाटा नहीं बढ़ेगा, क्योंकि सरकार के पास आरबीआई और बैंकों से लाभांश के रूप में रिकॉर्ड 2.3 लाख करोड़ रुपये मिले हैं।
पिछले साल निजी खपत में सिर्फ 4% की वृद्धि हुई
आम लोगों को राहत देने के लिए बजट में खर्च बढ़ाने के बावजूद सरकार घाटे को बढ़ने नहीं देगी। केंद्र ने राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 5.1% के दायरे में रखने की योजना बनाई है। रिजर्व बैंक से लाभांश के रूप में मिलने वाले 2.11 लाख करोड़ रुपये इस मामले में मददगार साबित होंगे। सरकारी बैंकों से भी 18,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का लाभांश मिलेगा।
मार्च में समाप्त होने वाले वित्त वर्ष 2023-24 में निजी खपत में सिर्फ 4% की वृद्धि हुई। कोविड से पहले यानी वित्त वर्ष 2019-20 में यह 5.2% था। यह इसी अवधि में हुई 8.2% आर्थिक वृद्धि दर के आधे से भी कम है। व्यक्तिगत उपभोग में परिवार और व्यवसाय से जुड़े खर्च शामिल हैं। खपत कम होने से मांग धीमी हो गई है।