भारत के इन टॉप-7 शहरों में 5 साल में किराया 63% बढ़ा , लोग घर खरीदने पर दे रहे जोर
Housing properties :देश के टॉप-7 शहरों में 1,000 वर्ग मीटर में फैले दो बेडरूम वाले स्टैंडर्ड घर का औसत किराया 5 साल में 63% बढ़ा है। इनमें मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, पुणे और हैदराबाद शामिल हैं।
House Rent : रियल एस्टेट कंसल्टेंसी फर्म एनारोंक की रिपोर्ट के मुताबिक, एनसीआर के नोएडा में अप्रैल-जून 2019 के मुकाबले 63.3% की बढ़ोतरी हुई है। यह बढ़कर 25,000 रुपये हो गया है। 5 साल पहले 2019 में 2 BHK फ्लैट 15,500 रुपये में किराए पर मिल रहा था। इस दौरान मुंबई के चेंबूर में दो बेडरूम वाले घर का औसत किराया 45,000 रुपये से बढ़कर 63,500 रुपये हो गया। इसी तरह, बेंगलुरु के सरजापुर रोड पर किराया 21,000 रुपये से बढ़कर 35,000 रुपये हो गया है। अब बाजार में घरों की आपूर्ति बढ़ने से किराए में वृद्धि की दर पर कुछ नियंत्रण हुआ है।
पिछली दो तिमाहियों में घरों के किराए में वृद्धि की गति औसतन 50% तक धीमी हो गई है। विशेषज्ञों के अनुसार, महामारी के बाद नई रेडी-टू-मूव संपत्तियों में कमी और कर्मचारियों के कार्यस्थल पर लौटने के कारण घरों की मांग बढ़ी है, जो किराए में वृद्धि का एक बड़ा कारण है। अगर लोगों को घर पर निवेश पर 4% रिटर्न मिल रहा है तो घर खरीदने का अच्छा मौका है। कई किराएदार घर खरीदना चाहते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इतना किराया क्यों देना है।
5 लाख नए मकान बनने से किराए में राहत की उम्मीद
एनारॉक ग्रुप के वाइस प्रेसिडेंट संतोष कुमार के मुताबिक देश के टॉप-7 शहरों में। इस साल 5,31,470 नए मकान बनने जा रहे हैं। नए मकानों की यह संख्या 2023 के मुकाबले रिकॉर्ड 23 फीसदी ज्यादा है। मुंबई महानगर क्षेत्र में सबसे ज्यादा 1,60,900 नई रिहायशी संपत्तियां बन रही हैं। इसके बाद एनसीआर में 1,44,315 और पुणे में 97,000 नए मकान बन रहे हैं। ऐसे में उम्मीद है कि किराए में बढ़ोतरी की रफ्तार पर ब्रेक लगेगा। कुमार का कहना है कि इसकी शुरुआत हो चुकी है। भारत में
दूसरी बात, अप्रैल-जून में किराए में वृद्धि आमतौर पर नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत और कंपनियों में नए कर्मचारियों की नियुक्ति के कारण होती है। इस साल, नए अपार्टमेंट की आपूर्ति किराये की दरों में गिरावट के साथ हुई है। इससे रियल एस्टेट सेक्टर में नई मांग पैदा होने की संभावना है।