Electric Vehicle रखने वालों की हुई मौज, Nitin Gadkari ने बताया अपना मास्टर प्लान
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Saral Kisan, Electric Vehicle : यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है अगर आप एक इलेक्ट्रिक वाहन चलाते हैं या इसे खरीदने की योजना बना रहे हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार दिल्ली से जयपुर तक एक इलेक्ट्रिक हाइवे बनाने की योजना बना रही है। इस पहल से इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग बढ़ेगा और यात्रा को अधिक आसान बनाया जाएगा। गडकरी ने पहले भी कई कार्यक्रमों में इस नए प्रोजेक्ट का उल्लेख किया है। यह नया इंफ्रास्ट्रक्चर न केवल EV उपयोगकर्ताओं को राहत देगा, बल्कि पर्यावरण को भी बचाएगा।
इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने पर काम चल रहा है
इलेक्ट्रिक हाईवे एक नेटवर्क है जो इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को चार्ज करने के लिए बनाया गया है। लंबी दूरी की यात्रा करना अधिक सुविधाजनक हो जाता है क्योंकि ये हाईवे चार्जिंग सिस्टम प्रदान करते हैं। हाल के समाचारों में कहा गया है कि सरकार इंटरसिटी पब्लिक ट्रांसपोर्ट को इलेक्ट्रिक बनाने के लिए गोल्डन क्वाड्रिलेटर के साथ मिलकर ईंधन की खपत और वाहनों के उत्सर्जन को कम करने की योजना बना रही है। इस कदम से स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग बढ़ेगा और पर्यावरण को बचाया जाएगा। (Nitin Gadkari की नवीन योजना)
6,000 किमी इलेक्ट्रिक हाइवे बनाने का लक्ष्य
केंद्र सरकार ने अगले सात वर्षों में 6,000 किमी इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने का लक्ष्य रखा है। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देना और देशभर में इलेक्ट्रिक बसों को स्थापित करना लक्ष्य है। E-Highway में ग्रीन एनर्जी से संचालित चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर होगा। 2030 पीएम पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेवा कार्यक्रम (Public Transport Service Program) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा यह पहल है, जो सतत परिवहन का समर्थन करेगा।
इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को बढ़ावा देने का प्लान: मीडिया रिपोर्ट ने कहा कि इलेक्ट्रिक हाईवे की स्थापना इलेक्ट्रिक बसों की स्थापना के साथ-साथ होने की संभावना है, जिससे भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की इकोसिस्टम्स की स्थापना तेजी से होगी। नए ई-हाईवे में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास तेजी से होने की उम्मीद है, जिससे अधिक लोगों को दैनिक सफर के लिए इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने की प्रेरणा मिलेगी।
पिछले वर्ष 83,000 इलेक्ट्रिक कारें बिकी गईं
पिछले साल इलेक्ट्रिक कार का लक्ष्य एक लाख यूनिट था, लेकिन बिक्री 83,000 यूनिट तक पहुंच गई। नए खरीदारों ने प्राथमिक परिवहन साधन के रूप में EV को अपनाने में हिचकिचाहट दिखाई, मुख्य रूप से चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और रेंज के बारे में चिंताओं के कारण। इससे उपभोक्ताओं ने इलेक्ट्रिक वाहनों को अपने पहले वाहन के बजाय दूसरा या तीसरा विकल्प के रूप में देखा। बाजार की संभावनाएं इस परिस्थिति से प्रभावित हुई हैं।
गडकरी ने कहा कि सरकार बायो फ्यूल (bio fuel) के क्षेत्र में भारत को शीर्ष देश बनाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने नागपुर में एक इलेक्ट्रिक ट्रॉली बस (electric trolly bus) के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट भी बताया। इस परियोजना से टिकट की कीमतें ३० प्रतिशत तक कम हो सकती हैं।