home page

Loan Default: अगर नहीं भरी जा रही पर्सनल लोन की किस्त, तो कब तक दिखने लगेगा क्रेडिट स्कोर पर असर

Loan Default:पर्सनल लोन लेने के बाद समय पर सभी किस्तें चुकाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि आप एक बार भी किस्त चूकते हैं, तो इसका प्रभाव आपकी क्रेडिट रिपोर्ट पर लंबे समय तक रह सकता है। जानें कि इससे कैसे बचें और अपनी साख को कैसे फिर से सुधारें।

 | 
Loan Default: अगर नहीं भरी जा रही पर्सनल लोन की किस्त, तो कब तक दिखने लगेगा क्रेडिट स्कोर पर असर 

Saral Kisan, Loan Default: पर्सनल लोन लेना काफी सरल है। इसके लिए किसी संपत्ति को गिरवी रखने की आवश्यकता नहीं होती। लेकिन, यदि आप पर्सनल लोन की किस्त चुकाने में चूक करते हैं, तो इसका प्रभाव आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में लंबे समय तक बना रह सकता है। ये रिपोर्ट देश की प्रमुख क्रेडिट ब्यूरो कंपनियों द्वारा तैयार की जाती हैं, जैसे कि TransUnion CIBIL, CRIF High Mark, Equifax और Experian। क्रेडिट ब्यूरो कंपनियां ऐसी चूक का रिकॉर्ड पहली बार किस्त चूकने की तारीख से 7 साल तक अपने डेटाबेस में रखती हैं।

इस अवधि में नए पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड या होम लोन के लिए आवेदन करने पर पिछले डिफॉल्ट की जानकारी बैंक या वित्तीय संस्थान के सामने आती है। इससे लोन एप्लिकेशन के अस्वीकृत होने का खतरा होता है। यदि लोन स्वीकृत भी हो जाता है, तो ब्याज दर अधिक हो सकती है।

डिफॉल्ट का सीधा प्रभाव साख पर

क्रेडिट रिपोर्ट पर डिफॉल्ट का निशान सीधे तौर पर क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करता है। भले ही आप बाद में बकाया राशि चुका दें, लेकिन रिपोर्ट पर दर्ज डिफॉल्ट रिकॉर्ड बना रहता है। यह लंबे समय तक क्रेडिट रेटिंग को प्रभावित करता है।

विशेषज्ञों के अनुसार, इससे न केवल आपका लोन अस्वीकृत हो सकता है, बल्कि भविष्य में किसी भी क्रेडिट सुविधा के लिए आपको अतिरिक्त दस्तावेज या सुरक्षा गारंटी भी प्रदान करनी पड़ सकती है।

कैसे कम करें लोन डिफॉल्ट का प्रभाव?

वित्तीय विशेषज्ञ ऐसे में वित्तीय अनुशासन अपनाने की सलाह देते हैं। आपको आगे सभी किस्तें समय पर चुकानी चाहिए। यदि संभव हो, तो आप लोन को समय से पहले चुकाने की व्यवस्था भी कर सकते हैं।

बकाया राशि का समय पर भुगतान: हमेशा डिफॉल्ट की स्थिति बनने से पहले लोन चुकाने का प्रयास करें।  
नो ड्यूज सर्टिफिकेट प्राप्त करें: पूरा भुगतान होने के बाद ऋणदाता से नो ड्यूज सर्टिफिकेट लेना आवश्यक है।  
क्रेडिट रिपोर्ट की समीक्षा करें: क्रेडिट रिपोर्ट में दर्ज किसी भी गलती को समय पर पहचानें और सुधार के लिए शिकायत दर्ज करें।  
अत्यधिक लोन एप्लिकेशन से बचें: कम समय में कई लोन के लिए आवेदन करने से 'हार्ड इन्क्वायरी' बढ़ती है, जो स्कोर को और नुकसान पहुंचाती है।  
सिक्योर्ड क्रेडिट प्रोडक्ट का उपयोग करें: FD-आधारित क्रेडिट कार्ड या छोटे लोन लेकर समय पर भुगतान करना सकारात्मक क्रेडिट इतिहास बनाने में मदद करता है।

इस बारे में RBI का क्या नियम है?

बैंकिंग रेगुलेटर RBI ने सभी बैंकों, NBFC और एसेट री-कंस्ट्रक्शन कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि वे क्रेडिट रिपोर्टिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता और समानता सुनिश्चित करें। इसके तहत रिपोर्टिंग में गलत जानकारी से बचाव और उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा पर जोर दिया गया है।

विशेषज्ञों का कहना है कि डिफॉल्ट का रिकॉर्ड भले ही 7 साल तक रिपोर्ट में रहता है, लेकिन यदि कोई उधारकर्ता इस अवधि में नियमित और जिम्मेदार वित्तीय व्यवहार अपनाता है, तो समय के साथ इसका प्रभाव कम हो सकता है। समय पर भुगतान, क्रेडिट कार्ड का संतुलित उपयोग और सीमित लोन आवेदन जैसी आदतें स्कोर में सुधार लाने में मदद करती हैं।

Latest News

Featured

You May Like