देश के 38 में से 23 सेक्टर में निवेश बढ़ा, कंपनियां क्षमता विस्तार में लगा रही हैं पैसा, बढ़ेंगी नौकरियां
Data Centre, Data Industry : पिछले दो वित्त वर्ष में देश के 38 उद्योगों की 4,418 कंपनियों ने 4.76 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है। इनमें सबसे ज्यादा निवेश डायमंड ज्वैलरी, प्लास्टिक उत्पाद, इलेक्ट्रिकल्स और बिजनेस सर्विसेज इंडस्ट्री में बढ़ रहा है। यह निवेश देश में बढ़ती मांग का संकेत है, क्योंकि कॉरपोरेट निवेश बढ़ाने का उद्देश्य क्षमता विस्तार से जुड़ा है। इससे नौकरियां बढ़ती हैं।
पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में इन कंपनियों ने 4.8% और 2022-23 में 7.6% निवेश बढ़ाया था। पिछले वित्त वर्ष में 23 उद्योगों का निवेश या तो स्थिर रहा या बढ़ा। कंपनियों के निवेश में बढ़ोतरी से उनकी सकल अचल संपत्ति (GF) बढ़ती है। वित्त वर्ष 2022-23 में जीएफए 00% बढ़कर 40.17 लाख करोड़ रुपये और 2023-24 में 42.09 लाख करोड़ रुपये हो गया। यानी कंपनियों ने दो साल में निवेश में 12.75% की बढ़ोतरी की है। इलेक्ट्रॉनिक्स, व्यावसायिक सेवाओं में निवेश 4 गुना बढ़ा सबसे ज़्यादा निवेश: हीरा आभूषणों में निवेश 15 गुना बढ़ा
दूरसंचार कंपनियों ने कितना बढ़ाया
दूरसंचार कंपनियों ने 2022-23 में 17.5% निवेश बढ़ाया था, लेकिन 2023-24 में इन कंपनियों ने अपनी 1.2% संपत्ति बेची है। आईटी और बिजली कंपनियों ने लगातार दो वित्तीय वर्षों के दौरान सकल अचल संपत्तियों का क्रमशः 7.1% और 3.4% बेचा है।
कंपनियों का ध्यान बाजार में बढ़ती मांग को पूरा करने पर है
कंपनियां निवेश बढ़ाने या घटाने का फैसला ठोस आधार पर करती हैं। उत्पादन क्षमता, वर्तमान क्षमता उपयोग, बाजार की मांग और पूंजी की लागत (जैसे ब्याज दरें) इनमें शामिल हैं। बाजार में मांग बढ़ने पर क्षमता विस्तार की जरूरत होती है, जिसके लिए निवेश बढ़ाना पड़ता है। घरेलू कॉरपोरेट क्षेत्र की सकल अचल संपत्तियों (जीएफए) का 24.9% अकेले कच्चे तेल उद्योग में। 15.1% जीएफए और 9.4% के साथ बिजली उद्योग दूसरे स्थान पर दूरसंचार उद्योग तीसरे स्थान पर है। कुल परिसंपत्तियों में केवल 6 उद्योगों की हिस्सेदारी 67.5% है। शीर्ष 3 के अलावा लोहा इस्पात। ऑटोमोबाइल और बैंकिंग क्षेत्र भी शामिल हैं।