देश की अर्थव्यवस्था में होगा 2.5 लाख करोड़ रुपए का निवेश, भारतीय बॉन्ड को किया जाएगा वैश्विक सूचकांक में शामिल
Government Bond Index : देश के सरकारी बॉन्ड शुक्रवार को पहली बार वैश्विक सूचकांक का हिस्सा बनेंगे। जेपी मॉर्गन के इमर्जिंग मार्केट्स बॉन्ड इंडेक्स में शामिल होने से पहले ही विदेशी निवेशकों ने इसमें पिछले साल के मुकाबले 4 गुना निवेश किया। जून 2024 तक विदेशी निवेशकों ने 66,762 करोड़ रु. का निवेश किया था।
2023 के पहले 6 महीनों में 17,525 करोड़ रु. का निवेश हुआ। विश्लेषकों का कहना है कि वैश्विक निवेशक रूस-चीन से दूरी बना रहे हैं और उभरते बाजारों में पूंजी निवेश के अवसर तलाश रहे हैं। ऐसे में वैश्विक मान्यता मिलने के बाद अगले 10 महीनों में भारतीय बॉन्ड में 2.50 लाख करोड़ रु. का निवेश आ सकता है।
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रूस-चीन की जगह भारत आएंगे विदेशी निवेशक, कॉरपोरेट लोन होंगे सस्ते रुपया भी मजबूत होगा
हर महीने बॉन्ड से औसतन 25,000 करोड़ रुपये आएंगे: गोल्डमैन सैक्स के विश्लेषकों के अनुसार, अब हर महीने भारतीय बॉन्ड में औसतन 25,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा।
विकास कार्यों के लिए पूंजी की कमी नहीं होगी
बॉन्ड बिक्री से भारत सरकार को एक साल में 2.50 लाख करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। इससे उद्योग के लिए अधिक घरेलू पूंजी उपलब्ध होगी।
ब्याज दरें कम हो सकती हैं, जिससे सरकार और कंपनियों के लिए उधार लेना मजेदार हो जाएगा। विदेशी निवेश में वृद्धि के कारण रुपये को सपोर्ट मिलेगा और आने वाले दिनों में इसमें मजबूती देखने को मिल सकती है।
जेपी मॉर्गन में इंडेक्स रिसर्च हेड ग्लोरिया किम के अनुसार, वैश्विक इंडेक्स में शामिल होने के बाद भारतीय बॉन्ड में 2.0 लाख करोड़ रुपये के विदेशी निवेश को आकर्षित करने की क्षमता है। एक साल में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी 2.4% से बढ़कर 4.4% हो सकती है।