Income Tax Return: आईटीआर भरने के बाद कम मिला रिफंड तो क्या करें, कब भरें रिवाइज्ड रिटर्न
Rectification Form Filing :देश में इनकम टैक्स को लेकर काफी चर्चाएं हो रही है। ITR भरने के बाद टैक्स भुगतान करने वाले को अपने रिफंड का इंतजार होता है। रिफंड की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट सबसे पहले टैक्स भरने वाले को रिटर्न प्रोसेसिंग के बारे में जानकारी देता है। लगभग तीन से चार हफ्तों के बाद टैक्स पेयर्स के खाते में रिफंड का ऐसा आता है।
TDS Credit Denial : इनकम टैक्स के जरिए लोग अपनी आए का टैक्स भुगतान करते हैं। इनकम टैक्स बढ़ाने की अंतिम तारीख 31 जुलाई थी। इनकम टैक्स विभाग की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार निर्धारित अंतिम तिथि तक 7.28 रोड रिटर्न फाइल किए गए। टैक्स भरने के बाद भुगतान कर्ता को अपने रिफंड का इंतजार रहता है। रिफंड की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से टैक्सपेयर्स को रिफंड की जानकारी दी जाती हैं। प्रकिर्या के अंतर्गत टेक्सपेयर्स की ईमेल आईडी पर इंटीमेशन आता है। जिसके तीन चार हफ्तों बाद टैक्स भरने वाले के खाते में रिफंड का पैसा आता है।
हालांकि यह समझना जरूरी है की इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वाले सभी टैक्सपेयर्स को रिफंड का पैसा नहीं मिलता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से रिटर्न का पैसा वापस भेजा जाता है। जब टैक्सपेयर ने अपनी देनदारी ज्यादा पैसा टैक्स के रूप में जमा किया हो। इनकम टैक्स रिटर्न की प्रक्रिया के दौरान टैक्सपेयर के टैक्स का कैलकुलेशन होता है।
टैक्स कैलकुलेशन हो सकती है गलती
डिपार्टमेंट की ओर से टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स एक्ट सेक्शन 143 सब सेक्शन 1 के तहत टैक्सपेयर्स को इंटीमेशन भेजा जाता है। डिपार्टमेंट की ओर से भेजी गई इस डिटेल में अगर आप पाते हैं कि टैक्स की कैलकुलेशन सही नहीं है और आपका रिफंड ज्यादा होना चाहिए तो आप इनकम टैक्स एक्ट सेक्शन 154 के तहत रेक्टिफिकेशन रिक्वेस्ट फाइल कर सकते हैं। इस रेक्टिफिकेशन रिक्वेस्ट को टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के ई-फाइलिंग पोर्टल पर विजिट कर फाइल कर सकता है।
ई-फाइलिंग पोर्टल करें अप्लाइ
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का कहना है कि इंटिमेशन नोटिस को लेकर किसी तरह की गलती पाते हैं तो ई-फाइलिंग पोर्टल पर रिक्वेस्ट किया जा सकता है। यहां समझने की जरूरत है कि रेक्टिफिकेशन रिक्वेस्ट का ऑप्शन केवल उन रिटर्न के लिए काम आता है जो पहले से ही सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर द्वारा प्रोसेस किए जा चुके हैं।
रेक्टिफिकेशन रिक्वेस्ट
रेक्टिफिकेशन रिक्वेस्ट को सबमिट करने के साथ किस तरह की गलतियों को सुधारा जा सकता है। इस बारे में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का कहना है कि अपनी ओर से की गई किसी अन्य गलती के लिए रेक्टिफिकेशन रिक्वेस्ट का इस्तेमाल न करें। इस तरह की गलती के लिए रिवाइज्ड रिटर्न का ऑप्शन काम आता है।