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भारत में मिलेगा दुबई से सस्ता सोना, वित मंत्री के इस ऐलान के बाद बदल गई तस्वीर

हाल ही में आए बजट के बाद सोने के भाव में रिकॉर्ड स्तर पर गिरावट देखने को मिली है। इसके बाद दुबई में सोना खरीदने वालों की संख्या में कमी देखने को मिल सकती है। दुबई में ज्वेलर्स स्टोर चलाने वाले एक भारतीय ने बताया कि बजट में कस्टम ड्यूटी को कम कर दिया गया है।
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भारत में मिलेगा दुबई से सस्ता सोना, वित मंत्री के इस ऐलान के बाद बदल गई तस्वीर 

Dubai Gold : भारत के कोलकाता शहर में बनाए गए आभूषण दुबई में रहने वाले भारतीय प्रवासियों के बीच काफी फेमस है। शुल्क में कटौती के बाद भारत में आभूषणों का उत्पादन बढ़ेगा और सोने की कारगिल करने वाले लोगों को नए आभूषण डिजाइन लॉन्च करने में मदद मिलेगी। 

हाल ही में आए बजट के बाद सोने के भाव में रिकॉर्ड स्तर पर गिरावट देखने को मिली है। इसके बाद दुबई में सोना खरीदने वालों की संख्या में कमी देखने को मिल सकती है। दुबई में ज्वेलर्स स्टोर चलाने वाले एक भारतीय ने बताया कि बजट में कस्टम ड्यूटी को कम कर दिया गया है। इसके बाद दुबई से भारतीय खरीददारों की संख्या में कमी आने का अनुमान लगाया जा रहा है। 

ऐसे कम होंगे खरीददार 

साल 2022 के जुलाई महीने में भारत ने सीमा शुल्क में भारी बढ़ोतरी कर दी थी। साल 2024 25 में जारी किए गए बजट के दौरान आयात शुल्क को घटा दिया गया है। शुल्क में भारी अंतर आने की वजह से कीमतों में कमी आई है, जिससे विदेश से सोना खरीदने वाले ग्राहकों में भी कटौती होगी। 

देश के बाजार में आयेगी तेजी 

इस कटौती के बाद दुबई के करीबन 50% कारोबार भारत में ट्रांसफर हो जाएंगे। क्योंकि आज के समय में दुबई जाने वाले ग्राहक भारत से ही सोने की खरीद करेंगे। दुबई में रहने वाले भारतीय प्रवासी और अन्य लोग यूएई खरीदारी जारी रख सकते हैं। भारत के कोलकाता शहर में बनाई गई कोलकाती आभूषणों को काफी पसंद किया जाता है। जो भारतीय और अन्य देशों के पर्यटकों के बीच काफी फेमस है। इस कटौती के बाद उत्पादन में बढ़ावा मिलेगा।

सीमा शुल्क में 6% की कटौती का मतलब है कि दुबई में सोने की खरीद पर लागू 5% का वैट लागत के अंतर को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है. यूएई में मौजूद बांद्रा स्थित पॉपली एंड संस के निदेशक राजीव पॉपली ने कहा कि विदेश में सोना भारत की तुलना में सस्ता है, यह केवल एक मानसिकता है. 

भारत और दुबई में सोने के आभूषणों के बीच 1% शुल्क अंतर की भरपाई हो जाएगी क्योंकि भारतीय जौहरी अपने ग्राहक आधार को बनाए रखने और अधिक ग्राहक प्राप्त करने के लिए कुछ छूट देंगे. यदि मात्रा बढ़ती है, तो जौहरी मुनाफे में उस छोटे से झटके को झेलने में सक्षम होंगे.

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