Gold Rate : 15 अगस्त तक किस रेट पहुंच जाएगा सोना, एक्सपर्ट ने बताई बड़ी बात
Gold Rate : सोने और चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव का सिलसिला अभी भी जारी है। पिछले कुछ दिनों में सोने की कीमतें तेजी से बढ़ रही थीं, लेकिन अब सोने के दामों में इस बड़े बदलाव के बाद स्थिरता का एक ट्रेंड देखने को मिल रहा है। पिछले आंकड़ों के अनुसार, इस हफ्ते सोने (gold price) में इस साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। आइए इस खबर के माध्यम से जानते हैं कि आने वाले महीनों में 10 ग्राम सोने के दाम क्या हो सकते हैं।

Saral Kisan, Gold Rate : फिलहाल सोना एक निश्चित स्तर पर स्थिर हो गया है। इन दिनों सोना एक ही रेंज में ऊपर-नीचे हो रहा है। विशेषज्ञ भी सोने के दामों को लेकर आने वाले दिनों में असमंजस की स्थिति व्यक्त कर रहे हैं।
अपडेट के अनुसार, इस वर्ष सोने के दाम (gold silver price) में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। इस बीच विशेषज्ञों ने आगामी 3 महीने में सोने के रेट कितने हो सकते हैं, इस बारे में जानकारी दी है।
सोने के दामों में इस हफ्ते काफी गिरावट आई है। इस सप्ताह में इस साल 2025 की अब तक की सबसे बड़ी गिरावट देखी गई है। एमसीएक्स पर सोने (mcx gold) का 22 मई को 24 कैरेट सोने का दाम 93239 रुपये प्रति 10 ग्राम था।
इस साल 2025 की शुरुआत से सोना 76 हजार रुपये प्रति तोला के आसपास था, जिसके बाद इसकी कीमतों (gold price) में जबरदस्त तेजी आई, जिसकी निवेशकों को उम्मीद नहीं थी। इस साल सोने के दाम (सोने की दर) रोजाना नए रिकॉर्ड बनाते हुए दिखाई दिए।
सोने के सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए इस साल 22 मई को एक बार फिर सोने में तेजी आई है। एमसीएक्स पर भी सोना (mcx gold rate) एक लाख के बेहद करीब 93239 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है।
हालांकि, ताजा आंकड़ों के अनुसार 30 प्रतिशत तक बढ़े दाम 10 प्रतिशत तक कम हो गए हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोना (अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना) 3500 डॉलर प्रति औंस के पास गिरावट दर्ज की गई है।
सोने की कीमतों में गिरावट के कई कारण बताए गए हैं। इसके साथ ही सोने के दाम बढ़ने का मुख्य कारण अमेरिकी राजनीति में हुआ बदलाव है।
इसके साथ ही आपको बताना है कि अमेरिका में चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप (Donald trump) को जीत मिली और ट्रंप ने "मेरे अमेरिका को फिर से महान बनाओ" के तहत टैरिफ को वैश्विक मुद्दा बनाया है। डोनाल्ड ट्रंप ने रिसिप्रोकल टैक्स का फॉर्मूला निकाला है, जिसके तहत जो देश जितना टैक्स लगा रहा है, उस पर भी उतना ही टैक्स लगाया जाएगा। इस टैरिफ युद्ध के चलते बाजार की स्थिति खराब हो गई और इसके परिणामस्वरूप सोने में निवेश बढ़ा। इसी कारण सोने के दाम (gold new price) दिन-प्रतिदिन बढ़ते गए। सोना आसमान छूने लगा।
सोने की कीमतों (gold price) में गिरावट के भी कई कारण हैं। कहा जा रहा है कि मजबूत होते अमेरिकी डॉलर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टैरिफ युद्ध की स्थिति में सुधार के चलते गिरावट आई है।
वर्तमान में जो अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियां बनी हैं, उनका प्रभाव भी सोने की कीमतों पर पड़ रहा है, और इसके चलते सोना-चांदी सस्ते हो रहे हैं।
अभी फिलहाल तो सोने के दाम (gold rate) काफी बढ़ गए हैं, लेकिन अब सोना गिरावट के दौर से गुजर रहा है। इन उतार-चढ़ाव का कारण टैरिफ को रोकना भी है। अब बाजार की स्थिति सुधरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले तीन महीने तक सोने की कीमतें 88 हजार से 95 हजार के बीच रह सकती हैं।
वहीं, तीन महीने बाद फिर से टैरिफ का मुद्दा आने से सोने के दाम (सोने की दर) फिर बढ़ सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार तीन महीने बाद सोना फिर तेजी पकड़ सकता है और लाख के पार जा सकता है।