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Gold Rate : नवंबर तक किस रेट पहुँच जाएगा एक तोला सोने का रेट

Gold Rate :सोने की कीमतों में इन दिनों भारी गिरावट देखने को मिल रही है। इस गिरावट ने निवेशकों को झटका दिया है। इस प्रकार की गिरावट ने सोने की सुरक्षित निवेश के रूप में छवि को भी प्रभावित किया है। हालांकि, इस वर्ष सोने की कीमतें इतनी बढ़ गई थीं कि यह गिरावट आम ग्राहकों के लिए सोने को सुलभ नहीं बना पा रही है। इसके अलावा, सोने की कीमतों के भविष्य के बारे में विशेषज्ञों की राय भी सामने आई है। 

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Gold Rate : नवंबर तक किस रेट पहुँच जाएगा एक तोला सोने का रेट 

Saral Kisan, Gold Rate Update : इस वर्ष की शुरुआत में सोने की कीमतों में ऐतिहासिक वृद्धि हुई। 22 अप्रैल को यह वृद्धि एक लाख रुपये के पार चली गई। वहीं, एमसीएक्स पर भी सोने की कीमत एक लाख के करीब पहुंच गई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत 3500 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई। 

इसके बाद सोने ने ऐसी गिरावट का सामना किया है, जिससे निवेशक परेशान हो गए हैं, खासकर वे निवेशक जिन्होंने उच्च कीमत पर सोना खरीदा था। इस स्थिति में लोगों में सोने की कीमतों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। भविष्य में सोने की कीमतें क्या होंगी, इस पर विशेषज्ञों की भविष्यवाणियां सामने आई हैं। पहले साल की शुरुआत से सोने की कीमतों की प्रवृत्ति को समझते हैं। 

साल की शुरुआत में सोने की कीमतें काफी बढ़ी थीं। 2025 की शुरुआत में सोना लगभग 76 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम था। इसके बाद सोने की कीमतें बढ़ने लगीं और 22 अप्रैल तक एक लाख रुपये के आंकड़े पर पहुंच गईं। सोने की कीमतों में इस वृद्धि का मुख्य कारण निवेशकों की मांग रही है। 

निवेशकों ने सोने में निवेश किया है, जिसका कारण ट्रंप का टैरिफ युद्ध है। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा प्रतिकूल कर की घोषणा के बाद बाजार में अनिश्चितता का माहौल बना, जिससे निवेशकों ने सोने को सुरक्षित मानते हुए इसमें निवेश किया। इसी कारण सोने की कीमतें काफी बढ़ गईं। 

23 अप्रैल से सोने की कीमतों में गिरावट शुरू हुई। 22 अप्रैल तक जिस तेजी से कीमतें बढ़ी थीं, 23 अप्रैल को उसी तेजी से गिरने लगीं। हालांकि, बीच में कुछ तेजी भी आई, लेकिन मई में सोने ने निवेशकों को निराश किया। सोने की कीमतें 8 से 10 प्रतिशत तक गिर गईं। 

सोने की कीमतों में गिरावट का कारण भी टैरिफ और व्यापार युद्ध ही है। सोने की कीमतें व्यापार युद्ध में नरमी के बाद गिरने लगीं। अमेरिका और चीन के बीच तनाव कम होने के कारण सोने की कीमतें गिरने लगीं। 

निवेशक फिर से बाजार में लौट आए। निवेशकों ने मुनाफा निकालने के लिए भी सोना बेचा, जिसके कारण सोने की मांग में कमी आई और कीमतें गिर गईं। 

अब सोने की कीमतें अपने ऑल टाइम हाई 99,358 रुपये से 6,878 रुपये गिरकर 92,480 रुपये पर आ गई हैं। यह कीमत 16 मई, शुक्रवार की है। इससे पहले सोने की कीमत 90 हजार रुपये की रेंज में भी आ गई थी। शुक्रवार को सोना पिछले दिन की तुलना में 689 रुपये कम पर बंद हुआ, यानी एक दिन में 0.74% की गिरावट दर्ज की गई। 

इस सप्ताह सोने में इस वर्ष की सबसे बड़ी गिरावट देखी गई है। शुक्रवार को सोने का न्यूनतम स्तर 91,615 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा, जबकि अधिकतम स्तर 93,550 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा। शुक्रवार को सोना 92,859 रुपये पर खुला, जबकि इससे पहले यह 93,169 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। 

अगले 6 से 7 महीनों में सोने की कीमतें फिर से बढ़ने का अनुमान है। नवंबर-दिसंबर में त्योहारी सीजन होगा। विशेषज्ञ रोहित वर्मा का मानना है कि इस वर्ष के अंत तक सोने की कीमतें 1 लाख रुपये को पार कर जाएंगी। फिलहाल, शॉर्ट टर्म के लिए सोने में गिरावट देखी जा रही है। 

सोने की कीमतें अगले तीन महीने में फिर से टैरिफ के मुद्दे के कारण बढ़ सकती हैं, जिसमें सोने की कीमतों में उछाल की संभावना है। 6-7 महीने बाद दीवाली के आसपास भी सोने की कीमतों में वृद्धि देखने को मिल सकती है, क्योंकि त्योहारी सीजन में मांग बढ़ती है और साल के अंत में शादियों का समय भी होता है।

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