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Gold Rate: 100 या 50 नहीं, सोना होगा 36 हजार रुपए सस्ता, देखें 24 कैरेट गोल्ड भाव

Gold Rate Hike : पिछले कुछ दिनों से सोने की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है।  ऐसे में सोने की कीमतें फिर से गिर जाएंगी।  सोने की कीमत इस बार 5 से 10 हजार रुपये नहीं बल्कि 36 हजार रुपये तक गिर सकती है।  यही कारण है कि जो लोग सोने की खरीदी करने (gold prices) की योजना बना रहे थे, उनके लिए ये एक अच्छा मौका हो सकता है। 

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Gold Rate: 100 या 50 नहीं, सोना होगा 36 हजार रुपए सस्ता, देखें 24 कैरेट गोल्ड भाव

The Chopal, Gold Price Drop : सोने की कीमतों में हर दिन गिरावट देखने को मिलती है।  यही कारण है कि पिछले कुछ दिनों से सोने की कीमतों में निरंतर वृद्धि देखने को मिल रही है।  सोने की लगातार बढ़ती कीमतों के कारण, जो लोग सोने की खरीद करने की योजना (gold prices in global market) बना रहे हैं, उन्हें इसे खरीदने में थोड़ा समय देना होगा। 

क्योंकि सोने की कीमतों में आने वाले दिनों में गिरावट की उम्मीद है  भविष्य में सोने की कीमत 36 हजार रुपये तक गिर सकती है।  सोने की दरों पर ताजा अपडेट इस खबर में पढ़ें। 

सोने की कीमतें बढ़ने से निवेशकों को लाभ मिलेगा—

एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोने की कीमतों में अब तक की सबसे तेज वृद्धि देखने को मिल रही है।  इससे निवेशकों को बहुत लाभ हो रहा है।  लेकिन उपभोक्ताओं पर इसका बोझ बहुत बढ़ (gold price hike) गया है।  लेकिन सोने की कीमतों में अगले कुछ महीने में भारी गिरावट देखने को मिल रही है।  यह गिरावट 38 प्रतिशत से अधिक होने का पूर्वानुमान था।  यदि ऐसा होता है तो ज्वैलरी खरीदने वालों को बहुत फायदा होगा।  लेकिन निवेशकों को इससे नुकसान हो सकता है। 

सोने की कीमतों में गिरावट होगी-

24 कैरेट सोने का आज का मूल्य लगभग 91,000 रुपये प्रति तोला है, जो भारतीय बाजारों में चल रहा है।  अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत 3,100 डॉलर प्रति औंस से ऊपर पहुंच गई है।  Sone ki keemat भारत में लगभग 55,000 रुपये प्रति 10 ग्राम होने की उम्मीद है क्योंकि इसमें लगभग 40 प्रतिशत की संभावित गिरावट होगी।  ग्लोबल मार्केट में सोने की कीमतें गिरकर 1,820 डॉलर प्रति औंस तक गिरने का अनुमान लगाया जा रहा है।  सोने की कीमतों में इससे भारी गिरावट की उम्मीद है।

सोने की कीमतों में कमी की वजह-

आर्थिक अनिश्चितता, महंगाई की चिंताओं और भू-राजनीतिक तनावों ने सोने की कीमतों में उछाल  (reason of gold price hike) लाया है।  निवेशकों ने सोने को अपनी सबसे सुरक्षित संपत्ति चुना है।  वहीं, विशेष रूप से पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान शुरू हुए व्यापार संघर्ष के बीच।  वर्तमान में कई निर्माता इन कीमतों को कम कर सकते हैं।

सोने की अधिक सप्लाई की वजह से कीमत कम हो सकती है- 

सोने का उत्पादन बहुत तेजी से बढ़ा है (दिल्ली में सोने की कीमतें)।  खनन से मिलने वाले लाभ 2024 की दूसरी तिमाही में लगभग 950 डॉलर प्रति औंस (औंस में सोना) तक पहुंच सकते हैं।  वैश्विक भंडार भी 9% से 2,16,265 टन तक बढ़ सकता है।  इससे ऑस्ट्रेलिया का उत्पादन काफी बढ़ा है।  रीसाइकिल सोने की सप्लाई भी तेजी से होती है।

सोने की मांग कम हो रही है-

 दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने पिछले साल 1,045 टन सोना खरीद लिया था।  आप अब धीरे-धीरे खरीदारी कर सकते हैं।  वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने एक सर्वे में पाया कि 71 प्रतिशत केंद्रीय बैंकों ने अपने सोने के भंडार को कम करने या मौजूदा स्तर पर रखने की योजना बनाई है। 

 सोने की कीमतें मार्केट परिस्थितियों से कम हो सकती हैं—

 सोने की कीमतों में साल 2024 में 32 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।  फिलहाल, सोने की कीमत बाजार में पीक का संकेत है।  इसके अलावा, सोने-समर्थित ईटीएफ (Gold ETF) में वृद्धि पिछले मूल्य सुधारों से पहले देखे गए पैटर्नों का संकेत देती है।

 बोफा-सॉक्स का दावा: मूल्य बढ़ेगा

 साथ ही, कुछ विश्लेषकों का दावा है कि सोने की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है।  दूसरी ओर, बोफा और सॉक् स जैसे बड़े बैंकों का मानना है कि सोने की कीमतें इसी तरह बनी रहेंगी।  Bank of America का अनुमान है कि सोने की कीमत अगले दो वर्षों में 3,500 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती है, जबकि Goldman Sachs का अनुमान है कि सोने की कीमत 2025 के अंत तक 3,300 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती है।

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