Business Idea : आ गया सरकार की मदद से शुरू होने वाला धाकड़ बिजनेस, मंथली होगी एक लाख से ऊपर की कमाई

The Chopal, Business Idea : नई तकनीक के इस युग में, हर व्यक्ति खुद का कोई उद्यम शुरू करने का विचार करता रहता है। आजकल, दैनिक उपयोग में आने वाले उत्पादों की पैकेजिंग की मांग बढ़ी है। ऑनलाइन शॉपिंग का चलन बढ़ने से पैकेजिंग क्षेत्र में तेजी आई है। साथ ही इससे भारतीय उत्पादों का निर्यात तेज हो गया है।
फूड, बेवरेज और FMCG उत्पादों की डिलीवरी को अलग पैकेजिंग की आवश्यकता होती है। Fragile आइटम्स को डिलीवरी करने के लिए विशिष्ट पैकेजिंग की आवश्यकता होती है। यह बबल शीट में डाला जाता है। ऐसे में बबल पैकिंग पेपर (Bubble Packing Paper) का बिजनेस शुरू करना आपके लिए बहुत लाभदायक हो सकता है।
बबल पैकिंग पेपर विशेष रूप से मोल्ड किए गए इंडस्ट्रियल पेपर होते हैं, जो फलों और खाद्य सामग्री जैसे अंडे, संतरे, सेब, अंगूर और लीची के पैकेजिंग और परिवहन में प्रयोग किए जाते हैं। यह बहुमुखी पैकिंग बहुत लोकप्रिय है और किसी भी उत्पाद के लिए उपयुक्त है।
इस बिजनेस को इतने पैसे में शुरू कर सकते हैं
खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ने बबल पैकिंग पेपर बनाने वाले उद्यमों पर एक रिपोर्ट बनाई है। इसके अनुसार, बबल पैकिंग पेपर का बिजनेस शुरू करने पर 15.05 लाख रुपये खर्च होंगे। 800 वर्ग फुट का वर्कशेड बनाने पर 160,000 रुपए और उपकरणों पर 645,000 रुपए खर्च होंगे।
805,000 रुपये का कुल खर्च होगा। इसके अलावा, काम करने वाले शहर को 700,000 रुपये की आवश्यकता होगी। प्रोजेक्ट का कुल खर्च 1,550,000 रुपये था। यानी को 15 लाख रुपये की जरूरत होगी ताकि वह अपना बिजनेस शुरू कर सके।
सरकार भी इसमें आपकी मदद करेगी।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PM Mudra Yojana) से लोन ले सकते हैं अगर आपके पास बिजनेस शुरू करने के लिए धन नहीं है। बिजनेस शुरू करने वालों को सरकार 10 लाख रुपए तक का लोन देती है।
हर महीने लाखों रुपये मिलेंगे
KVIC द्वारा बनाई गई रिपोर्ट के अनुसार, बबल पैकिंग पेपर उत्पादन से सालाना 1,142,000 रुपए की कमाई हो सकती है। Project Report के अनुसार, इस बिजनेस आइडिया का मूल्य 4685700 रुपये होगा और सालाना 1280000 क्विंटल बबल पैकिंग पेपर बना सकता है।
योजनाबद्ध बिक्री 599000 रुपये होगी, जबकि ग्रॉस सरप्लस 1214300 रुपये होगा। रिपोर्ट के अनुसार नेट सरप्लस 1142000 रुपये हो सकता है।
KVIC ने कहा कि यह आंकड़े सांकेतिक हैं और जगह-जगह अलग हो सकते हैं। बिल्डिंग पर निवेश को किराये में देने से प्रोजेक्ट खर्च कम होगा और मुनाफा बढ़ेगा।