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Budget 2024 : टैक्स चुकाने वालों को मिल सकती है बजट में बड़ी राहत, कटौती का अनुमान

Income Tax News :देश में कमजोर खपत को मजबूत करने के लिए केंद्र आयकर स्लैब में बदलाव करने पर विचार कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक, जुलाई में आने वाले आम बजट में केंद्र करदाताओं को राहत दे सकता है।
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Budget 2024 : टैक्स चुकाने वालों को मिल सकती है बजट में बड़ी राहत, कटौती का अनुमान

Income Tax News : देश में कमजोर खपत को मजबूत करने के लिए केंद्र आयकर स्लैब में बदलाव करने पर विचार कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक, जुलाई में आने वाले आम बजट में केंद्र करदाताओं को राहत दे सकता है। इसके पीछे सीधा मकसद 'निचले स्लैब' वाले करदाताओं के हाथ में 'डिस्पोजेबल इनकम' बढ़ाना है। इससे यह वर्ग बाजार में ज्यादा पैसा खर्च कर खपत को मजबूत करेगा। इससे जीएसटी कलेक्शन भी बढ़ेगा, यानी आयकर छूट से सरकार को होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई जीएसटी से की जा सकेगी। अभी तीन लाख रु. पहले स्लैब में 5 फीसदी तक टैक्स लगता है। 15 लाख तक की आय पर यह 30 फीसदी है। सरकार ने माना कि स्लैब के साथ टैक्स में बढ़ोतरी ज्यादा है। इसे कम करने की जरूरत है।

केंद्र सरकार लड़कियों की शिक्षा पर अलग से टैक्स छूट दे...

सरकार निचले वर्ग की ओर से खपत बढ़ाने के लिए कई सामाजिक कल्याण योजनाएं चलाती है।  इनसे बाजार में खपत ज्यादा नहीं बढ़ती। आयकर छूट से खपत तेजी से मजबूत होगी।

सरकार का कर संग्रह रिकॉर्ड स्तर पर है। वित्तीय घाटा लक्ष्य से कम है। ऐसे में सरकार के पास आयकर छूट देने की पर्याप्त गुंजाइश है।

द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रंजीत कुमार अग्रवाल ने कहा, सरकार बच्चों की पढ़ाई के लिए ट्यूशन फीस पर तो टैक्स छूट देती है, लेकिन बालिका शिक्षा का दायरा बढ़ाने की नहीं। जरूरी है कि सरकार बालिकाओं की शिक्षा पर होने वाले सभी खर्चों पर टैक्स छूट दे।

मेडिकल खर्च बढ़ रहे हैं। ऐसे में विवाहित जोड़ों को मेडिक्लेम पर मिलने वाली स्टैंडर्ड डिडक्शन का दायरा बढ़ाने की जरूरत है।

युक्तिसंगत नहीं है टैक्स स्लैब

एक अधिकारी ने बताया कि मौजूदा टैक्स स्लैब की समीक्षा में यह बात निकलकर सामने आई है कि मौजूद टैक्‍स ढांचा युक्तिसंगत नहीं है। इसमें आय पर कर टैक्‍स वृद्धि बहुत ज्‍यादा है। नई कर प्रणाली में पांच फीसदी का पहला स्लैब तीन लाख रुपये की आय से शुरू हो जाता है। जब आय 15 लाख रुपये तक पहुंचती है, यानी पांच गुना बढ़ती है, तो कर की दर पांच प्रतिशत से बढ़कर 30 प्रतिशत हो जाती है यानी आयकर की दर में छह गुना वृद्धि होती है। यह वृद्धि दर काफी ज्‍यादा है।

 

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