एक और बैंक का लाइसेंस हुआ रद्द, ग्राहकों को कैसे मिलेगा पैसा
RBI Latest Update : आरबीआई, अर्थात रिजर्व बैंक, देश के सभी बैंकों के संचालन पर नियंत्रण रखता है। RBI ने बैंकों और ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए कई नियम बनाए हैं, और जब भी कोई बैंक आरबीआई के नियमों का उल्लंघन करता है, तो रिजर्व बैंक उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करता है। हाल ही में आरबीआई (RBI) ने एक बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। अब महत्वपूर्ण सवाल यह है कि इस बैंक के ग्राहकों के पैसे का क्या होगा? आइए जानते हैं -

Saral Kisan, RBI Latest Update : आरबीआई ने बैंकों और ग्राहकों के हितों की सुरक्षा के लिए कई नियम बनाए हैं। बैंकों द्वारा किए जाने वाले सभी कार्यों पर आरबीआई की नजर रहती है। जब भी कोई बैंक नियमों का उल्लंघन करता है, तो रिजर्व बैंक उस बैंक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करता है। आरबीआई (बैंक लाइसेंस रद्द होने की खबर) ने हाल ही में लखनऊ के एचसीबीएल को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है।
आरबीआई (RBI अपडेट) ने बताया कि इस बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और आय उत्पन्न करने की संभावनाएं नहीं हैं, जिसके कारण बैंक का लाइसेंस रद्द किया गया है। आरबीआई ने अपने एक बयान में कहा कि बैंक ने 19 मई की शाम से अपना संचालन बंद कर दिया है। उत्तर प्रदेश के सहकारी आयुक्त और रजिस्ट्रार से बैंक को बंद करने और एक परिसमापक (लिक्विडेटर) नियुक्त करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है।
ग्राहकों के खातों में जमा पैसे का क्या होगा?
लिक्विडेटर के तहत, प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (DICGC) से 5 लाख रुपये तक की अपनी जमा राशि पर जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का दावा कर सकता है। RBI ने कहा कि आंकड़ों के अनुसार, 98.69 प्रतिशत जमाकर्ता DICGC (DICGC) से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं। DICGC ने 31 जनवरी, 2025 तक कुल बीमित जमा राशि में से 21.24 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही कर दिया है।
इन बैंकों का लाइसेंस रद्द -
इसके अलावा, आरबीआई (RBI) ने पिछले महीने अप्रैल में भी कई बैंकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए कई को-ऑपरेटिव बैंकों के लाइसेंस रद्द किए हैं। पिछले महीने जिन को-ऑपरेटिव बैंकों के लाइसेंस रद्द किए गए, उनमें अहमदाबाद का कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक, औरंगाबाद का अजंता अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक और जालंधर का इंपीरियल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक शामिल हैं।
क्या ग्राहक खाते से पैसे निकाल सकते हैं?
RBI ने कहा कि लखनऊ का HCBL को-ऑपरेटिव बैंक का संचालन इसके ग्राहकों के हित में नहीं है। वास्तव में, इस बैंक ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की कुछ धाराओं का पालन नहीं किया। ऐसे में लाइसेंस रद्द होने के परिणामस्वरूप, HCBL सहकारी बैंक को तुरंत प्रभाव से जमा और निकासी सहित सभी बैंकिंग कार्यों से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
इसका सीधा अर्थ यह है कि एचसीबीएल को-ऑपरेटिव बैंक (HCBL Co-operative Bank) के ग्राहक अब अपने खाते में न तो पैसे जमा कर सकेंगे और न ही पैसे निकाल सकेंगे।