योगी सरकार देगी उत्तर प्रदेश के वाहन मालिकों को बहुत बड़ी राहत, अब अधिकारी नहीं कर सकेंगे परेशान
Saral Kisan : UP के वाहन मालिकों को महत्वपूर्ण राहत मिलेगी। वाहन मालिकों को न तो अधिकारियों का चक्कर लगाना होगा न ही अधिक परेशान करना होगा। आरटीओ कार्यालय की आरआई नहीं, बल्कि मशीन भारी वाहनों और यात्री वाहनों की फिटनेस की जांच करेगी। इससे आंखों देखी फिटनेस में लापरवाही कम होगी और दुर्घटनाएं भी कम होंगी। इसके लिए, अक्तूबर 2024 से सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ऑटोमेटिक फिटनेस स्टेशन पर यात्री और भारी वाहनों का फिटनेस टेस्ट कराना अनिवार्य कर दिया है। नौ सितंबर 2023 को परिवहन आयुक्त को इस संबंध में सूचना भेजी गई है।
नई व्यवस्था की जानकारी मिलने के बाद उत्तर प्रदेश में ऑटोमेटिक फिटनेस स्टेशन बनाने का प्रयास शुरू हुआ। निजी कंपनियों को हर जिले, यानी 75 जिलों में 225 स्टेशन खोलने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। इसके लिए इसी महीने से आवेदन स्वीकार किए जाएंगे और जून 2023 तक हर जिले में स्टेशन खुल जाएंगे, जिसके लिए राष्ट्रीय एक विंडो सिस्टम लागू होगा।
धुएं से टायर तक तीन दर्जन बिंदुओं पर जांच
अपर परिवहन आयुक्त (प्रवर्तन) पुष्पसेन सत्यार्थी ने कहा कि ऑटोमेटिक फिटनेस स्टेशन बनाने के लिए निजी क्षेत्र की कंपनियों को आमंत्रित किया जाएगा। SOP तैयार है। इस महीने से आवेदन किया जाएगा। दूसरे महीने लाइसेंस देंगे और तीसरे महीने से काम शुरू होगा। ऑटोमेटिक फिटनेस सेंटर पर वाहनों की 13 बिंदुओं पर जांच की जाएगी। इनमें भारी और यात्री वाहनों के धुएं, स्पीड गवर्नर, टायर, बैक लाइट, हेडलाइट, वाइपर, रेट्रो रिफ्लेक्टर टेप (चमकीली पट्टी) आदि की जांच शामिल होगी। इन वाहनों को स्कैन करके मशीन निर्धारित करेगी कि वाहन चलने योग्य है या नहीं।
फिलहाल UP परिवहन विभाग में तीन ऑटोमेटिक फिटनेस सेंटर काम कर रहे हैं। लखनऊ, कानपुर और आगरा इनमें शामिल हैं। गाजियाबाद में जल्द ही एक और फिटनेस सेंटर भी खोला जाएगा। फिलहाल UP में 32 लाख वाहन इसके दायरे में आएंगे। 25 लाख मालवाहक ट्रक और अन्य वाहन इसमें शामिल हैं। 1.75 लाख निजी बसें और रोडवेज बसें हैं। 5 लाख लोगों को ई-रिक्शा और ऑटो-टेंपो ले जा सकते हैं। उन्हें फिट होना चाहिए।
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