उत्तर प्रदेश में जमीनों की धोखाधड़ी रोकने के लिए योगी सरकार का बड़ा कदम, डिजिटल होंगे ये काम
UP News : उत्तर प्रदेश में जमीन धोखाधड़ी के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जमीन धोखाधड़ी रोकने के लिए सख्त कदम उठाने जा रही है। उत्तर प्रदेश की जनता को मिली मिली एक और सौगात, यूपी में पिछले काफी सालों से भूमि पर भूमाफियाओं का कब्जा रहता था तथा धोखाधड़ी से जमीने अपने नाम करवा लेते थे, इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को चकबंदी की सौगात दी है.
Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में जमीन धोखाधड़ी के मामले ज्यादा आने से सरकार अब इन पर सख्त फैसला लेने वाली है। उत्तर प्रदेश में इसी वर्ष 781 गांव की चकबंदी की गई है। उत्तर प्रदेश में अब चकबंदी का सारा डाटा डिजिटल किया जाएगा। यूपी में जमीन धोखाधड़ी रोकने के लिए यह फैसला लिया गया है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
चकबंदी निदेशालय ने वार्षिक रिपोर्ट 2022–2023 को पेश करते हुए भूमि की धोखाधड़ी को रोकने के लिए सभी ब्योरों को डिजिटाइज करने का वादा किया है। आधुनिक चकबंदी कराने के लिए ब्लाक चेन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जाएगा। नया साफ्टवेयर भी बनाया जा रहा है। मंगलवार को सालाना रिपोर्ट पेश करते हुए चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने कहा चकबंदी की प्रक्रिया के आधुनिकरण के काम प्रारंभिक स्तर पर है। योजना पारदर्शी होगी और चकबंदी प्रक्रिया तेज होगी। वित्तीय वर्ष 2023-24 में, विभाग को पुनर्जीवित करने और जनप्रतिनिधियों की मांग पर 958 नए गांवों में चंकबंदी लागू की गई। 2023-24 में 781 गांवों में चकबंदी की गई।
हाईकोर्ट में याचिकाएं
किसानों ने न्यायिक प्रक्रिया में पारित आदेशों के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल कीं। इसके परिणामस्वरूप 180 गांवों की चकबंदी प्रक्रिया स्थगित हो गई। यह समस्या हल की गई और चकबंदी प्रक्रिया फिर शुरू हुई हैं। उदाहरण के लिए, मथुरा में चार दशक से चकबंदी की प्रक्रिया रुकी हुई है। अब इसे भी शुरू किया गया हैं। ग्रामीण चकबंदी अदालतों का गठन वादों के त्वरित निस्तारण के लिए किया गया था। 201118 वादों को अब तक हल किया गया है। वित्तीय वर्ष 2022–2023 में 65 पर अनुशासनिक कार्रवाई की गई, जबकि 23 को रोक दी गई।