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उत्तर प्रदेश में योगी सरकार नगर निगमों में बनाएगी इलेक्ट्रिक पशु शवदाह गृह

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि निराश्रित गोवंशों को बचाने के लिए समाज का सहयोग आवश्यक है। निराश्रित गोवंश को बचाने में आम लोगों को सहयोग करना चाहिए।
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Yogi government will build electric animal crematoria in municipal corporations in Uttar Pradesh

Saral Kisan : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि निराश्रित गोवंशों को बचाने के लिए समाज का सहयोग आवश्यक है। निराश्रित गोवंश को बचाने में आम लोगों को सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई भी गोवंश अकेला नहीं रह सकता; सभी को आश्रय और भोजन मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर निगम में इलेक्ट्रिक शवदाहगृह बनाए जाएंगे।

जनता से वित्तीय सहयोग की नीति बनाएं

रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में दुग्ध उत्पादन, संग्रह और निराश्रित गोवंश आश्रय स्थलों के प्रबंधन की समीक्षा करते हुए ये निर्देश दिए। CM ने कहा कि स्थानाभाव के कारण बहुत से लोग गोसेवा नहीं कर पाते हैं। ऐसे परिवारों से कुछ धन देकर उनके द्वारा चुने गए गोवंश की निराश्रित गोआश्रय स्थान पर सेवा की जानी चाहिए। गाय दूध दे रही है तो परिवार को भी इसका उपयोग करने दें। संबंधित विभाग इस बारे में स्पष्ट नीति बनाए।  

हर जिले में 4000 गोवंश के लिए जगह चिह्नित करें

CM ने कहा कि छोटे-छोटे निराश्रित गोवंश स्थलों की जगह बड़े गोवंश स्थल उपयुक्त हो सकते हैं। गोबरधन प्लांट और नस्ल सुधार कार्यक्रमों को बढ़ाने की जरूरत है। हर विकास खंड और जनपद स्तर पर चार हजार से पांच हजार गोवंश क्षमता वाले बड़े गोवंश स्थल के लिए जगह निर्धारित करें। प्रत्येक निराश्रित गो-आश्रय स्थल पर एक केयर टेकर होना चाहिए। निराश्रित गो-आश्रय स्थानों में अधिक शेड बनाएं। टूटे हुए कैटल शेड को सुधारें। गोवंश भी नियमित रूप से जांच होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जनपद में निराश्रित गो-आश्रय स्थलों पर व्यवस्था की निगरानी करने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए। ब्लॉक स्तर पर पशु चिकित्सा अधिकारी होना चाहिए। जनपद स्तर पर व्यवस्था की साप्ताहिक समीक्षा करते हुए शासन को मासिक रिपोर्ट दी जाए। अंतर्विभागीय समन्वय के साथ पशुपालन, ग्राम्य विकास, पंचायती राज और नगर विकास विभागों के साथ मिलकर गो-आश्रय स्थलों में अच्छी सुदृढ़ व्यवस्था सुनिश्चित करें।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में मृत पशुओं को नदियों में नहीं बहाया जाएगा। इसके लिए लोगों को नियंत्रण देना होगा। पशुओं और जानवरों की अंत्येष्टि के लिए सभी नगर निगमों में इलेक्ट्रिक शवदाहगृह बनाएं। इसे अन्य नगरीय निकायों में भी लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि गोवंश सेवा कर रहे सभी परिवारों को हर महीने ₹900 की राशि दी जाएगी। इसमें कोई देरी नहीं होगी। डीबीटी द्वारा धन सीधे परिवार को भेजा जाए।

मुख्यमंत्री ने बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर जैसे संस्थाओं का उदाहरण देते हुए कहा कि वे अनुकरणीय काम किया है। सभी जिलों में दुग्ध समितियों को बनाना और बढ़ाना चाहिए। महिलाओं का योगदान इसमें महत्वपूर्ण हो सकता है। पशुपालन, दुग्ध उत्पादन, विक्रय और नस्ल सुधार सहित संबंधित मुद्दों की साप्ताहिक समीक्षा विभागीय मंत्री द्वारा की जाएगी। लक्ष्य निर्धारित करें और उसके लिए काम करें।

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