home page

दुनिया के इतिहास की सबसे बड़ी ट्रेन डकैती, लुटेरो ने चलती ट्रेन से उड़ा डाले 300 करोड़

Royal Mail Train Robbery: यह चोरी बहुत शातिर ढंग से हुई थी। यह हैरान करने वाला था कि इस डकैती में लुटेरों ने कोई हथियार नहीं रखा था।

 | 
The biggest train robbery in the history of the world, robbers stole Rs 300 crore from a moving train.

The Great Train Robbery: बस या ट्रेन में अक्सर छोटी-मोटी चोरी होती है या जेब कट जाती है। आपने फिल्मों में शातिर लुटेरों को ट्रेन चोरी करते देखा होगा, लेकिन आज हम आपको इतिहास में सबसे बड़ी ट्रेन चोरी के बारे में बताएंगे। कुछ लुटेरों ने चलती हुई ट्रेन से लगभग 300 करोड़ रुपये उड़ाए। वास्तव में, ये चोरी थी जिसने पूरी दुनिया को हिला दिया था। 

विश्व की सबसे बड़ी ट्रेन चोरी

8 अगस्त 1963 को 16 लुटेरों ने यह वारदात की। 7 अगस्त 1963 को रात 7 बजे ब्रिटेन की एक ट्रेन, रॉयल मेल, ग्लासगो से लंदन के लिए निकली। पोस्ट ऑफिस के 72 कर्मचारी भी इस डाक ट्रेन में थे। ये कर्मचारी ट्रेन के अंदर डाक छांटते थे। ट्रेन को सुबह बारह घंटे बाद लंदन पहुंचना था। इस ट्रेन में 12 बोगी थीं और इंजन के ठीक पीछे हाई वैल्यू पैकेजेस (HVP) कोच था। जिसमें लगभग 300 मिलियन पॉन्डस, या आज की मुद्रा में लगभग 300 करोड़ रुपये थे। ये सभी सूचनाएं पहले से ही उन 16 लुटेरों के पास थीं।

लूट में हथियार नहीं इस्तेमाल किए

यह चोरी बहुत शातिर ढंग से हुई थी। यह हैरान करने वाला था कि इस डकैती में लुटेरों ने कोई हथियार नहीं रखा था। एक लोहे की रॉड की बदौलत, उन्होंने चलती ट्रेन से 128 नोटों से भरे 128 बक्से चुरा लिए।

ऐसी सभी योजनाएं

लुटेरों ने लूट से एक महीने पहले ही योजना बनाई थी। पूरी लूट के मास्टरमांइड गॉर्डन गूडी, बस्टर एडवर्ड और ब्रूस रेनाल्ड थे। ये तीनों ही रॉबर्स थे, लेकिन पहले कभी ट्रेन में रॉबरी नहीं करते थे। यही कारण था कि वे ट्रेन रॉबरी नामक ब्रिटेन के तीन बदमाशों को अपने गैंग में शामिल करते थे। ट्रेन की जानकारी रखने वाले एक पूर्व ड्राइवर भी इस डकैती में शामिल था। इस लूट में कॉर्डरे नाम का एक टेक्निशियन भी शामिल था, जिसका काम था रेलवे सिग्नल को खराब करना। इस लूट में कुल 16 एक्सपर्ट 

रेल सिग्नल बदलते हुए ट्रेन

ये सभी लुटेरे लंदन से कुछ घंटे पहले पड़ने वाले एक ट्रैफिक सिग्नल पर खड़े हो गए। उन्होंने पहले सिग्नल की ग्रीन लाइट को पेपर से ढक दिया, फिर बैटरी से रेड लाइट को चालू किया। 8 अगस्त की सुबह, ट्रेन करीब 3 बजे इस सिग्नल पर पहुंची। 58 वर्षीय जैक मिल्स (Jack Mills) ट्रेन में जा रहे थे और रास्ते में लाल सिग्नल देखते ही उन्होंने ट्रेन को रोक दिया।

15 मिनट में पूरा पैसा निकाल दिया

ये 16 लुटेरे पहले से तैयार होकर ट्रेन में घुस गए। उसमें से एक ने इंजन में जाकर ड्राइवर जैक के सिर पर लोहे की रॉड से कठोर वार कर उन्हें बेहोश कर दिया। इसके बाद, ये लोग इंजन के पीछे की बोगी में पहुंचे, जहां 128 बॉक्स में 300 करोड़ रुपये या 300 मिलियन पॉन्ड थे। योजना के अनुसार लुटेरों ने बाहर एक ट्रक को पहले से ही तैयार रखा था। इन बक्सों को 15 मिनट में ट्रक में लादकर लुटेरे भाग गए।

पूरा पैसा नहीं मिला

कई सालों तक पुलिस ने इसकी जांच की। पुलिस ने इन लुटेरों को सालों बाद पकड़ लिया, लेकिन ट्रेन से चोरी हुआ सारा पैसा कभी वापस नहीं मिला। यह इतिहास की सबसे बड़ी लूट थी, जिसे द ग्रेट ट्रेन रॉबरी कहा जाता है।

ये पढ़ें : उत्तर प्रदेश में यहां बनाया जा रहा देश का पहला सोलर एक्सप्रेसवे, लक्ष्य 550 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन

Latest News

Featured

You May Like