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Delhi-NCR की इस नई मेट्रो लाइन का काम होगा दिसंबर में शुरू, 28 Km लंबी लाइन पर होंगे 27 स्टेशन

विश्व बैंक की टीम के अध्ययन के आधार पर गुरुग्राम में मेट्रो का विस्तार किया जाएगा। इससे पता चल सकेगा कि स्टेशनों के आसपास क्या सुविधाएं बनाने की जरूरत है। अध्ययन का मुख्य उद्देश्य होगा कि लोगों को मेट्रो सेवाओं का अधिक से अधिक उपयोग करना होगा। उदाहरण के लिए, स्टेशनों के निकट रहने वाले लोग बस या कार से आसानी से पहुंचने पर इस सुविधा का उपयोग करेंगे। आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।


 

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Work on this new metro line of Delhi-NCR will start in December, there will be 27 stations on the 28 Km long line.

World Bank : विश्व बैंक की टीम ने पुराने गुरुग्राम में मेट्रो का विस्तार किया। इससे पता चल सकेगा कि स्टेशनों के आसपास क्या सुविधाएं बनाने की जरूरत है। अध्ययन का मुख्य उद्देश्य होगा कि लोगों को मेट्रो सेवाओं का अधिक से अधिक उपयोग करना होगा। उदाहरण के लिए, स्टेशनों के निकट रहने वाले लोग बस या कार से आसानी से पहुंचने पर इस सुविधा का उपयोग करेंगे। ताकि स्टेशनों का डिजाइन बनाना आसान हो, टेंडरिंग की प्रक्रिया शुरू करने से पहले अध्ययन पूरा किया जाएगा।

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अध्ययन और टेंडरिंग प्रक्रिया पूरी होने में लगभग दो से ढ़ाई महीने लगेंगे। दिसंबर से जमीनी स्तर पर काम शुरू होगा। योजना को तीन साल के भीतर पूरा करने के लिए दो भागों में विभाजित करके टेंडर जारी करने का भी विचार चल रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि दो से तीन पैकेज में काम करना चाहिए। इससे काम तीन साल के भीतर तैयार हो जाएगा।

मेट्राे विस्तार को लेकर केंद्र सरकार से बजट मंजूर हो चुका है। 28.5 किलोमीटर लंबे इस प्रोजेक्ट पर 5,452 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें से कुछ राशि लोन के रूप में विश्व बैंक से भी ली जाएगी। इस वजह से विश्व बैंक चाहता है कि प्रोजेक्ट इस तरह तैयार हो जिससे कि अधिक से अधिक लोग मेट्रो सेवा का लाभ उठा सकें।

इसी को ध्यान में रखकर विश्व बैंक की ओर से अध्ययन के लिए कंसल्टेंट नियुक्त किया जाएगा। कारिडोर पर कुल 27 स्टेशन होंगे। प्राेजेक्ट पूरा होने के बाद कारिडोर रिंगमेन सिस्टम की तरह बन जाएगा। इससे लाभ यह होगा कि किसी भी इलाके के लोग किसी स्टेशन जा-आ सकेंगे। सीधे तौर पर 10 लाख से अधिक लोगों को लाभ होगा।

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नए कारिडोर पर बनेंगे स्टेशन

मिलेनियम सिटी सेंटर गुरुग्राम मेट्रो स्टेशन से आगे मेट्रो का विस्तार होना है। आगे सेक्टर-45, साइबर पार्क, सेक्टर-47, सुभाष चौक, सेक्टर-48, सेक्टर-72ए, हीरो होंडा चौक, उद्योग विहार फेज-छह, सेक्टर-10, सेक्टर-37, बसई गांव, सेक्टर-9, सेक्टर-सात, सेक्टर-चार, सेक्टर-पांच, अशोक विहार, सेक्टर-तीन, बजघेड़ा रोड, पालम विहार एक्सटेंशन, पालम विहार, सेक्टर-23ए, सेक्टर-22, उद्योग विहार फेज-चार, उद्योग विहार फेज-पांच एवं साइबर सिटी में स्टेशन बनाया जाएगा। पालम विहार इलाके से दिल्ली के द्वारका सेक्टर-21 को जोड़ने के लिए भी कारिडोर बनाया जाएगा। इससे दिल्ली एयरपोर्ट से गुरुग्राम की कनेक्टिविटी और बेहतर हो जाएगी।

नए कारिडोर पर चलेंगी एचएमआरटीसी की मेट्रो

नए कारिडोर पर दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) की मेट्रो नहीं चलेगी बल्कि हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (एचएमआरटीसी) की मेट्रो चलेगी। शुरुआत में 35 मेट्रो की व्यवस्था की जाएगी। यात्रियों की संख्या बढ़ने पर मेट्रो की संख्या बढ़ाई जाएगी। चार से साढ़े चार मिनट के अंतराल पर मेट्रो की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। बता दें कि दिल्ली मेट्रो की सुविधा नए गुरुग्राम के इलाके तक ही है। डीएमआरसी के केवल पांच स्टेशन गुरुग्राम इलाके हैं। मिलेनियम सिटी गुरुग्राम मेट्रो स्टेशन (पुराना हुडा सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन) से आगे मेट्रो का विस्तार होना है।

निर्माण और संचालन करेगी HMRTC

पुराने गुरुग्राम में न केवल एचएमआरटीसी स्वयं कारिडोर विकसित करेगी बल्कि मेट्रो का संचालन भी खुद ही करेगी। इसके लिए कंपनी को आपरेटर बनाने के ऊपर भी जोर दिया जा रहा है। आपरेटर का अनुभव न होने से ही एचएमआरटीसी ने रैपिड मेट्रो के संचालन की जिम्मेदारी डीएमआरसी काे दे रखी है। जीएमडीए में मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए नोडल आफिसर की जिम्मेदारी संभाल रहीं प्रिया सरदाना कहती हैं कि प्रोजेक्ट को बेहतर से बेहतर बनाने का प्रयास है। इस वजह से जमीनी स्तर पर काम शुरू करने से पहले कई विषयों के ऊपर बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है।

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रेलवे सलाहकार समिति के पूर्व सदस्य, डॉ डीपी गोयल- मेट्रो विस्तार के बाद गुरुग्राम की तस्वीर बदल जाएगी। ट्रैफिक का लोड एक झटके में काफी कम हो जाएगा। इससे प्रदूषण का स्तर भी कम होगा। प्रोजेक्ट को दो से तीन पैकेज में बांटकर काम किया जाए। इससे निर्धारित समय से पहले पहले प्रोजेक्ट पूरा किया जा सकेगा।

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट के चेयरमैन, राव विवेक सिंह ने कहा- प्रोजेक्ट को कई हिस्सों में बांटने से कंपनियों के ऊपर बेहतर से बेहतर करने का दबाव रहता है। साथ ही जल्द प्रोजेक्ट पूरा होता है। मेट्रो विस्तार में काफी देरी हो चुकी है। अब इसे दो से तीन हिस्सों में बांटकर ही काम करना चाहिए ताकि जल्द से जल्द प्रोजेक्ट पूरा हो सके।

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