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कोटा रेल मंडल में कार्य जोरों पर, ट्रेनों की रफ़्तार होगी 160 किमी प्रति घंटा

Rajasthan News : दिल्ली से लेकर मुंबई तक रेल मार्गों पर ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के लिए कोटा रेल मंडल ने जोरों शोरों से काम शुरू कर दिया है. इन रेलवे मार्गों पर लक्ष्य यह रखा गया है की ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सके. इसी कड़ी में नागदा से लेकर मथुरा के बीच 545 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक को अपग्रेड किया जा रहा है. 

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कोटा रेल मंडल में कार्य जोरों पर, ट्रेनों की रफ़्तार होगी 160 किमी प्रति घंटा

Railway Division : रेलवे मार्गों पर लक्ष्य यह रखा गया है की ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सके. इसी कड़ी में नागदा से लेकर मथुरा के बीच 545 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक को अपग्रेड किया जा रहा है.रेलवे ट्रैक को अपग्रेड करने में 2665 करोड रुपए से ज्यादा खर्च होने की संभावना है. रेलवे के मिशन रफ्तार का यह प्रोजेक्ट एक हिस्सा है. रेलवे के मिशन रफ्तार के माध्यम से देश भर में ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के लिए रेलवे ट्रैक और इन्फ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड किया जाना है. कोटा रेल मंडल में अपग्रेड  का काम गति शक्ति यूनिट की देखरेख में चल रहा है। 

थिक वेव स्विच 

कोटा रेल मंडल में ट्रेनों की पटरियों में खास तरह के थिक वेव स्विच लगाए जा रहे हैं। कोटा रेल मंडल के सीनियर डीसीएम रोहित मालवीय के अनुसार पटरियों पर यह खास स्विच ट्रेनों की रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटा ले जाने के लिए लगाए जा रहे हैं. यात्रियों का सफर आसान होने के साथ-साथ काम वक्त में पूरा हो सके इसके लिए कोटा रेल मंडल युद्ध  स्तर पर काम कर रहा है.

नई तकनीक से ट्रेनों में कम्पन कम 

मालवीय ने कहा कि पटरियों पर ट्रेनों की दिशा बदलने के लिए टर्न आउट लगे हैं। उसमें अभी भी परम्परागत स्विच का उपयोग किया जाता है, लेकिन अब थिक वैब स्विच लगाना तेज हो गया है। थिक वैब स्विच का मुख्य लक्ष्य ट्रेनों को 130 km/h तक ले जाना है, जो बाद में 160 km/h तक बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा, इससे लूप लाइन में ट्रेनों की गति 30 km/h से 50 km/h तक बढ़ सकेगी। इसके अलावा, इस नई तकनीक से ट्रेनों में कम्पन कम होता है।

कोटा रेल मंडल के सीनियर सेक्शन इंजीनियर ने कहा कि थिक वैब स्विच ट्रैक की सुरक्षा को बढ़ाता है और इसकी जीवनकाल को बढ़ाता है। इस नवीन तकनीक का उपयोग टर्न आउट से जुड़े फेलियर को कम करता है। पहले की तुलना में इस पर अनुरक्षण व्यय कम आता है। ट्रैक की गति बढ़ाई जा सकती है। थिक वैब स्विच की नवीनतम प्रणाली आम प्वाईन्ट की तुलना में विश्वसनीय है।

रेल परिचालन की सुरक्षा में सुधार

सीनियर सेक्शन इंजीनियर ने बताया कि रेलवे ने पहली तिमाही में 106 लाइनों पर थिक वैब स्विच लगाए हैं, जो ट्रेनों की रफ्तार को बढ़ाते हैं। रेलवे सुविधाओं का विस्तार करने के लिए इंजीनियरिंग विभाग नवीनतम तकनीक का उपयोग कर रहा है। पश्चिम मध्य रेल में विभिन्न रेलखंडों में रफ्तार को गति दी जा रही है ताकि रेल परिचालन की सुरक्षा में सुधार हो सके। 2024 के अंत तक पूरे मंडल में थिक वेव स्विच लगाने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे ट्रेनों की रफ्तार तेज होगी और भारतीय रेलवे को गति मिलेगी. इससे आपके सफर में लगने वाले वक्त भी कम हो जाएगा।

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