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उत्तर प्रदेश में इन शहरों में बीच 425 किलोमीटर की रेल लाइन बिछाने का काम हुआ शुरू

UP News : भारतीय रेलवे में सफर करना आरामदायक होने के साथ-साथ पॉकेट फ्रेंडली भी है। उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार के लोगों के लिए एक बड़ी अपडेट सामने आई है। उत्तर प्रदेश से बिहार का सफर अब सुविधाजनक और सुहाना होने वाला है। आप अब कम किराए में उत्तर प्रदेश से बिहार की यात्रा कर सकेंगे।

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उत्तर प्रदेश में इन शहरों में बीच 425 किलोमीटर की रेल लाइन बिछाने का काम हुआ शुरू

Uttar Pradesh Latest News : उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार जाने का सफर अब आरामदायक और सुविधाजनक होने वाला है। उत्तर प्रदेश की राजधानी से सीधी छपरा के लिए तीसरी रेलवे लाइन का ट्रायल पूरा कर लिया गया है। इस रेलवे लाइन की ट्रायल के लिए 11 किलोमीटर की पटरी बिछाई गई। कैंट से लेकर कुसम्ही तक इस ट्रायल को किया गया। यह रेलवे लाइन लखनऊ से बाराबंकी होते हुए गोरखपुर से गुजरती हुई बिहार के छपरा तक जाएगी। इस लाइन को बनाने का सर्वे पूरा हो चुका है। इस लाइन का काम कुछ जगहों पर शुरू कर दिया गया है। इस रूट पर कुछ इलाकों में अभी सर्वे का काम चल रहा है। सर्वे के काम को जल्द ही निपटा लिया जाएगा। 

बिना रुके चलेगी मालगाड़ियों 

बाराबंकी से लेकर छपरा तक यह ट्रैक 425 किलोमीटर लंबा है। इस लाइन पर चलने वाली ट्रेनों में लाखों यात्री प्रतिदिन यात्रा करते हैं। सभी सर्वें काम होने के बाद तीसरी लाइन के कामकाज में खूब तेजी आएगी। इस लाइन पर अगले दिनों में ट्रेनों की संख्या और रफ्तार बढ़ाने का लक्ष्य जल्द पूरा करने के लिए काम तेजी से शुरू किया गया है। सर्वे का काम छपरा से देवरिया तक चल चल रहा है। खलीलाबाद से बैतालपुर तक 85 किमी की दूरी पर तीसरी रेल बिछाने का सर्वे तेजी से चल रहा है। बजट प्रकाशित किया गया है। गोंडा से बुढ़वल के बीच एक तीसरी लाइन भी बिछ रही है। यह काम पूरा होने से डोमिनगढ़, नकहा और कैंट स्टेशनों पर बिहार से लखनऊ जाने वाली ट्रेनें नहीं रुकेगी। मालगाड़ियों को भी बिना रुके चलना होगा। अयोध्या, गोरखपुर आदि के रास्ते बिहार के छपरा तक जाने वाले इस मार्ग पर 150 से अधिक ट्रेनें संचालित होती हैं। डीजीएस मशीन, टाई टेम्पिंग मशीन और बलास्ट क्लीनिंग मशीन 

गुरुवार को उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के डीआरएम ने लखनऊ-सुलतानपुर और श्रीकृष्ण नगर रेलखंडों का दौरा किया। उन्होंने डीजीएस मशीन, टाई टेम्पिंग मशीन और बलास्ट क्लीनिंग मशीन का रखरखाव देखा। DR. SM Sharma ने गिट्टी की पैकिंग, पटरियों का रखरखाव और ट्रैकों की उचित देखभाल कर ट्रैक संरक्षा को बेहतर करने के लिए इन मशीनों का प्रयोग किया है। DRM ने ट्रैकमैनों से बातचीत की और उनकी कार्यप्रणाली को जानने की कोशिश की। वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक ने अधिकारियों व कर्मचारियों को लेकर कई बातों पर जोर दिया। कर्मचारी, अधिकारी सर्तक जागरूक और सचेत रहते हुए ट्रैकों की निगरानी उचित मरम्मत पर विशेष ध्यान दें।

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