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NCR में बिना डरे देर रात तक सफर कर सकेंगी महिलाएं, इस हफ्ते शुरू होगी नई सर्विस

NCR - हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, आपको बता दें कि ट्रांसपिपल कैब जल्द ही एनसीआर की सड़कों पर चलेंगे। दिल्ली एयरपोर्ट से कैब सेवा मिलेगी। 50 कैब से शुरुआत की जाएगी। 300 कैब धीरे-धीरे बढ़ेंगे.. नीचे खबर में इस अपडेट की पूरी जानकारी मिलेगी।
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Women will be able to travel till late night without fear in NCR, new service will start this week

Saral Kisan : ट्रांसपिपल कैब जल्द ही एनसीआर की सड़कों पर चलते नजर आएंगे। दिल्ली एयरपोर्ट से कैब सेवा मिलेगी। 50 कैब से शुरुआत की जाएगी। धीरे-धीरे 300 कैब होंगे। 50 कैब में से 40 महिला चालक होंगे, जबकि 10 ट्रांसपिपल या ट्रांसजेंडर होंगे।

ट्रांसपिपल कैब चलाने का उत्साह-

यदि कोई एनसीआर से बाहर जाना चाहता है तो कुछ महीनों के बाद भी कैब मिल जाएगा। ट्रांसपिपल कैब चलाने का मौका मिलने से बहुत उत्साहित हैं। उन्होंने दावा किया कि वह किसी से कम नहीं हैं। विश्वास करके देखें। वे लोग अपने व्यवहार और कार्य से एनसीआर में जल्दी से पहचान बनाने को तैयार हैं।

रूमन, जो वाईएमसीए फरीदाबाद से बीटेक कर रही है, और सूरज कुमार सिंह, जो नार्थ कैप यूनिवर्सिटी गुरुग्राम से बीटेक कर रहा है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्टार्टअप कंसेप्ट से प्रेरित होकर आर्बिन फियाकरे प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की है। यह भी ऐप-आधारित कैब सेवाएं देगा, जैसे ओला और उबर। अंतर यह होगा कि सभी चालक ट्रांसपिपल और महिला होंगे।

इस सप्ताह से शुरू होगी कंपनी की सर्विस-

यही नहीं सभी कैब कंपनी की होगी। इस सप्ताह से कंपनी की सर्विस शुरू हो जाएगी। सुरक्षा को ध्यान में रखकर सभी कैब जीपीएस से लैस होगी। यही नहीं कैब में एक पैनिक बटन होगा। गलत होने की आशंका पर बटन दबाते ही सूचना कंपनी के कंट्रोल रूम में पहुंच जाएगी। कंपनी की सीईओ रूमन एवं सीओओ सूरज कुमार सिंह कहते हैं कि सर्विस शुरू करने का मुख्य उद्देश्य ट्रांसपिपल को मुख्यधारा में लाना है।

महिलाएं तो अब हर क्षेत्र में आगे आने लगी हैं, लेकिन ट्रांसपिपल को अभी भी कोई नौकरी नहीं देता है। उन्हें अलग नजरिये से देखा जाता है। फिलहाल उनके पास 100 महिलाओं एवं ट्रांसपिपल की सूची उपलब्ध है जो नौकरी करने के लिए तैयार हैं। मांग के मुताबिक कैब की संख्या बढ़ाई जाएगी।

देर रात अकेले जाने से महिलाएं नहीं करेंगी संकोच-

दिल्ली एयरपोर्ट से देर रात महिलाएं एनसीआर के किसी भी इलाके में जाने में संकोच नहीं करेंगी। पुरुष चालक की वजह से महिलाएं संकोच करती हैं। सूरज कुमार सिंह कहते हैं कि सभी कैब कंपनी की होगी। ऐसे में चालकों के ऊपर सौ फीसद कंपनी का नियंत्रण होगा।

जीपीएस की वजह से कैब कहां से कितने बजे चली और कितने बजे कहां तक पहुंची, पूरी जानकारी कंट्रोल रूम में अपडेट रहेगी। एप से बुकिंग की सुविधा तो रहेगी ही, एयरपोर्ट पर काउंटर से भी बुकिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। ट्रांसजेंडर चाहते हैं कि उन्हें लोग ट्रांसपिपल कहें। इसे ध्यान में रखकर कंपनी में ट्रांसजेंडर की जगह ट्रांसपिपल शब्द का प्रयोग किया जाएगा।

अन्य कंपनियां भी ट्रांसपिपल को मौका दें-

ट्रांसपिपल देवांश एवं कृष्णा का कहना है कि उनके भीतर प्रतिभा की कमी नहीं है। काफी संख्या में ट्रांसपिपल हर क्षेत्र में बेहतर कर सकते हैं। उन्हें कंपनियां मौका दें। आर्बिन फियाकरे प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी ने उनलोगों को मौका दिया है। वे लोगों की सेवा करने के लिए बेहतर उत्साहित हैं। वे लोग इस तरह से काम करना चाहते हैं कि अन्य ट्रांसपिपल भी बेहतर से बेहतर करने के लिए प्रेरित हों।

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